बिहार मखाना उत्पादन का सबसे बड़ा केंद्र है. यहां अप्रत्याशित मौसम और खेती की अनिश्चितता के बीच मखाने का उत्पादन किसानों के लिए पारंपरिक फसलों का आकर्षक विकल्प भी बन रहा है. ऐसे में जबकि चरम मौसमी घटनाओं के कारण धान और मक्के जैसी फसलों के नुकसान की आशंका बढ़ती जा रही है, क्या मखाना किसानों के लिए आय का सस्टेनेबल जरिया साबित हो सकता है?