हमले में जान गंवाने वाले दुनिया के बड़े नेता
ट्रंप पर जानलेवा हमला, यह पहला मौका नहीं है जब किसी दिग्गज राजनेता पर घातक हमला हुआ है. एक नजर बीते 50 साल में ऐसे हमलों में जान गंवाने वाले बड़े नेताओं पर.
जोवेनेल मोइस, 2021
हैती के तत्कालीन राष्ट्रपति जोवेनेल मोइस की उन्हीं के घर में घुसकर हत्या कर दी गई. हत्याकांड को 28 विदेशी हमलावरों ने अंजाम दिया. हमले में बुरी तरह घायल हुई उनकी पत्नी का अमेरिका में इलाज चला. अब पत्नी पर ही हत्या की साजिश रचने का आरोप है.
जोरान जिनजिच, 2003
सर्बिया के तत्कालीन प्रधानमंत्री की जोरान जिनजिच की राजधानी बेलग्रेड में एक स्नाइपर ने हत्या कर दी. सरकार के मुख्यालय के बाहर अपनी कार से निकलते ही जिनजिच के सीने में गोली मारी गई. प्रधानमंत्री की मौके पर मौत हो गई.
यित्सखाक राबिन, 1995
इस्राएल के दूसरे बड़े शहर तेल अवीव में ओस्लो समझौते के समर्थन में रैली कर रहे तत्कालीन इस्राएली प्रधानमंत्री राबिन (तस्वीर में दाहिने) को एक कानून के छात्र ने गोली मार दी. हमलावर अतिराष्ट्रवादी था और राबिन के शांति समझौते का कड़ा विरोध कर रहा था.
राणासिंघे प्रेमदासा, 1993
श्रम दिवस के दिन संयुक्त राष्ट्र की एक रैली के दौरान, एलटीटीई के आत्मघाती हमले में श्रीलंका के तत्कालीन राष्ट्रपति राणासिंघे प्रेमदासा समेत 24 लोगों की मौत हो गई. घटनास्थल पर मिली एक अंगूठी और घड़ी से प्रेमदासा की पहचान हुई.
राजीव गांधी, 1991
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस नेता राजीव गांधी की एक रैली के दौरान हत्या कर दी गई. तमिलनाडु के श्रीपेरुमबुदूर में राजीव गांधी, लिट्टे के एक आत्मघाती दस्ते का शिकार हुए. राजीव गांधी के पैर छूने का बहाना कर रहे एलटीटीई के हमलावरों की कमर पर सुसाइड बम बंधे थे.
ओलॉफ पाल्मे, 1986
स्वीडन के प्रधानमंत्री ओलॉफ पाल्मे अपनी पत्नी के साथ सिनेमा से वापस पैदल घर लौट रहे थे, तभी पीछे से बहुत करीब से पति पत्नी पर गोलियां दागी गईं. प्रधानमंत्री को कुछ ही देर बाद स्टॉकहोम के अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया.
इंदिरा गांधी, 1984
भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उन्हीं के अंगरक्षकों ने नई दिल्ली में गोली मारकर हत्या कर दी. अमृतसर में सिख चरमपंथियों के खिलाफ की गई सैन्य कार्रवाई के बाद से सिख समुदाय इंदिरा गांधी से नाराज था.
अनवर सादात, 1981
मिस्र की राजधानी काहिरा में स्वेज नहर के राष्ट्रीयकरण की वर्षगांठ मनाई जा रही थी. सेना विजय परेड निकाल रही थी. तभी राष्ट्रपति सादात को सलामी देते हुए मिस्र की वायुसेना के विमान ऊपर से उड़े, इसी दौरान विद्रोही सैनिकों ने परेड रोककर राष्ट्रपति पर गोलियों की बौछार कर दी.
जियाउर रहमान, 1981
बांग्लादेश के तत्कालीन राष्ट्रपति जियाउर रहमान की चटगांव के सर्किट हाउस में बॉडीगार्डों समेत हत्या कर दी गई. हत्या बांग्लादेश की सेना के कुछ अधिकारियों ने की.
शेख मुजीबुर रहमान, 1975
बांग्लादेश के संस्थापक कहे जाने वाले शेख मुजीबुर रहमान की सैन्य तख्तापलट कर हत्या कर दी गई. हत्या से पहले भारतीय खुफिया एजेंसी ने मुजीब को चेतावनी दी थी. हालांकि मुजीब ने इन चेतावनियों को यह कहकर खारिज कर दिया कि उनके अपने लोग उन्हें कभी नुकसान नहीं पहुंचाएंगे.
जॉन एफ केनेडी, 1963
जेएफके के नाम से मशहूर अमेरिका के 35वें राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी की नबंवर 1963 में गोली मारकर हत्या कर दी गई. वारदात के वक्त केनेडी, डैलस शहर में एक खुली कार में थे. कार के दोनों तरफ लोग उनका अभिवादन कर रहे थे, तभी केनेडी के सिर और गर्दन पर गोलियां लगीं.