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समाज

लखीमपुर हिंसा: सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कितने गिरफ्तार

७ अक्टूबर २०२१

तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा की सुनवाई गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई. इस हिंसा में चार किसान समेत आठ लोगों की मौत हुई थी. उत्तर प्रदेश सरकार ने भी जांच आयोग का गठन किया है.

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तस्वीर: IANS

उत्तर प्रदेश सरकार ने गुरुवार को घोषणा की कि उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश प्रदीप कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में एक सदस्यीय जांच आयोग रविवार को लखीमपुर खीरी जिले में हुई हिंसा की जांच करेगा. इस हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. यह घोषणा मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अगुवाई वाली सर्वोच्च न्यायालय की पीठ द्वारा एक महत्वपूर्ण सुनवाई से पहले हुई.

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश सरकार से लखीमपुर हिंसा मामले के आरोपियों के संबंध में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा और साथ ही पूछा कि क्या आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई है. अदालत ने कहा, "हमें यह जानने की जरूरत है कि वे आरोपी कौन हैं जिनके खिलाफ आपने प्राथमिकी दर्ज की है और आपने उन्हें गिरफ्तार किया है या नहीं."

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया, "आपने कितने लोगों को गिरफ्तार किया." कोर्ट ने उत्तर प्रदेश से शुक्रवार तक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है. सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से सभी पहलुओं पर रिपोर्ट मांगी है.

न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि उसने लखीमपुर हिंसा मामले का स्वत: संज्ञान नहीं लिया क्योंकि दो वकीलों ने एक याचिका दर्ज की थी. चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा, "मुझे लगता है कि संवाद समस्या के कारण यह स्वत: संज्ञान हो गया."

हिंसा में मारे गए आठ लोग

रविवार को हुई हिंसा में चार किसान, एक पत्रकार और बाकी बीजेपी के कार्यकर्ता मारे गए थे. किसानों का आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा ने अपनी गाड़ी उन पर चढ़ा दी. किसानों पर गाड़ी चढ़ाने के कई वीडियो मीडिया में आए हैं और वीडियो में साफ दिख रहा है कि किसानों पर जानबूझकर गाड़ी चढ़ाई गई है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने बुधवार को लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों से मुलाकात की. इससे पहले दिन में प्रियंका हिरासत से रिहा होने के बाद लखीमपुर खीरी के लिए रवाना हुई थीं. गुरुवार को भी कई नेता लखीमपुर खीरी पहुंचे और पीड़ित परिवार से मुलाकात की.

बीजेपी के सांसद वरुण गांधी ने गुरुवार को एक वीडियो ट्वीट किया जिसमें किसानों पर गाड़ी चढ़ती दिख रही है. उन्होंने लिखा, "वीडियो बिल्कुल साफ है. हत्या के जरिए प्रदर्शनकारियों को चुप नहीं कराया जा सकता. निर्दोष खून के लिए जवाबदेही होनी चाहिए. हर किसान के दिमाग में उग्रता और निर्दयता की भावना घर करे इसके पहले उन्हें इंसाफ दिलाना होगा." वरुण गांधी इससे पहले भी एक ट्वीट कर गाड़ी चढ़ाने वालों को गिरफ्तार करने की मांग कर चुके हैं. 

मंत्री बार-बार कह रहे हैं कि हिंसा वाले दिन उनका बेटा वहां मौजूद नहीं था और वह दूसरे आयोजन में शामिल था. मंत्री ने गाड़ी अपनी होने की बात मानी है. विपक्षी नेताओं की मांग है कि अजय मिश्रा को इस्तीफा देना चाहिए ताकि जांच सही ढंग से की जा सके.