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अपराधभारत

जारी है कश्मीरी पंडितों की हत्या का सिलसिला

१३ मई २०२२

कश्मीर के बड़गाम में आतंकवादियों द्वारा सरकारी अधिकारी राहुल भट्ट की हत्या के बाद कश्मीरी पंडितों ने कई जगह विरोध प्रदर्शन किया. पिछले छह महीनों में तीसरी बार आतंकवादियों ने एक कश्मीरी पंडित को निशाना बनाया है.

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Indien | Angriff auf eine Schule in Srinagar
तस्वीर: Dar Yasin/AP Photo/picture alliance

12 मई को दो आतंकवादियों ने बडगाम जिले के चडूरा गांव में तहसीलदार के दफ्तर में घुस कर 36 वर्षीय राहुल भट्ट को गोली मार दी. पुलिस ने बताया कि भट्ट को श्रीनगर के एसएमएचएस अस्पताल ले जाया गया लेकिन वहां उनकी मौत हो गई.

मीडिया रिपोर्टों में बताया जा रहा है कि भट्ट बड़गाम में पिछले 10 सालों से काम कर रहे थे. उनकी नियुक्ति कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिए लाए गए एक विशेष पैकेज के तहत हुई थी. इस घटना से एक बार फिर राज्य में आतंकवादी घटनाओं और विशेष रूप से कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाने को लेकर एक बार फिर से सवाल खड़े हो गए हैं.

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कश्मीरी पंडित नाराज

भट्ट की हत्या के बाद जम्मू और कश्मीर में कई स्थानों पर कश्मीरी पंडित समुदाय के लोगों ने प्रदर्शन किया और सुरक्षा की मांग की. दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग में लोगों ने श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रदर्शन किया और प्रशासन से उनके समुदाय के लोगों की हत्याओं को बंद कराने की मांग की.

सितंबर 2021 की इस तस्वीर में कश्मीरी पंडित नौकरियों में आरक्षण की मांग लिए श्रीनगर में प्रदर्शन कर रहे हैं
सितंबर 2021 की इस तस्वीर में कश्मीरी पंडित नौकरियों में आरक्षण की मांग लिए श्रीनगर में प्रदर्शन कर रहे हैंतस्वीर: Kashmiri Pandit Sangharsh Samiti

उन्होंने कहा कि आतंकवादियों द्वारा उन्हें निशाना बनाने को शुरू हुए कई दशक बीत गए लेकिन अभी तक कोई भी सरकार ना उनकी जानें बचा पाई और ना उनका पुनर्वास करा पाई. समुदाय के सरकारी कर्मचारियों ने इन हत्याओं के खिलाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की धमकी भी दी.

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खनबल-पहलगाम सड़क के पास स्थित कश्मीरी प्रवासियों की कॉलोनी के लोगों ने भी प्रदर्शन किया और सड़क पर यातायात को जाम कर दिया. बडगाम के शेखपुरा इलाके से भी प्रदर्शन की खबरें आईं. इसके अलावा बारामुल्ला, हंदवाड़ा और श्रीनगर से भी प्रदर्शनों की खबरें आईं.

प्रदर्शनों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई

श्रीनगर के इंदिरा नगर इलाके में कश्मीरी पंडितों ने बड़ी संख्या में सड़क पर प्रदर्शन किया. उन्होंने न्याय के नारे लगाए और कश्मीरी पंडितों के लिए सुरक्षा की मांग की. कश्मीरी नेताओं ने भी भट्ट की हत्या की निंदा की.

हत्या की "स्पष्ट रूप से निंदा" करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि "टार्गेटेड हत्याएं जारी हैं और डर की भावना अनियंत्रित रूप से बढ़ती जा रही हैं."

पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी हत्या की निंदा की और कहा कि इससे कश्मीर में स्थिति के सामान्य होने के दावों को भी पोल खुल गई है. शुक्रवार 13 मई को मुफ्ती प्रदर्शन कर रहे कश्मीरी पंडितों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए बड़गाम जाने वाली थीं लेकिंन उन्हें फिर से नजरबंद कर दिया गया.

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उधर कश्मीरी पंडितों ने शुक्रवार को हत्याओं के खिलाफ श्रीनगर हवाई अड्डे तक पदयात्रा निकालने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं होने दिया. प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया.

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