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समाज

स्कॉटलैंड में स्वतंत्रता समर्थकों की जीत

१० मई २०२१

स्कॉटलैंड में चुनाव जीतने वाली स्वतंत्रता समर्थक नेता निकोला स्टर्जन ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से कहा है कि अब तय बस इतना करना है कि जनमत संग्रह कब कराया जाए.

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Schottland Brexit Nicola Sturgeon
तस्वीर: picture alliance/AP Photo/A. Milligan

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने स्कॉटलैंड के आम चुनाव जीतने वाले स्कॉटिश नैशनल पार्टी को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है. स्कॉटिश नैशनल पार्टी स्कॉटलैंड की आजादी की समर्थक है और रविवार को आए नतीजों में उसे भारी जीत मिली है. इसके बाद स्कॉटलैंड के यूनाइटेड किंगडम से अलग होने के मुद्दे पर दूसरा जनमत संग्रह संभव माना जा रहा है. कुछ साल पहले हुए जनमत संग्रह में लोगों ने अलग होने को नकार दिया था.

स्कॉटिश नैशनल पार्टी की नेता निकोला स्टर्जन ने कहा कि उनकी जीत का अर्थ है कि दूसरा जनमत संग्रह देश की इच्छा है और लंदन का नेता अगर इसके रास्ते में आएगा तो "तो वह स्कॉटिश लोगों की लोकतांत्रिक इच्छाओं के साथ झगड़ा मोल ले रहा होगा." स्टर्जन ने कहा है कि उनकी प्राथमिकता स्कॉटलैंड के लोगों को महामारी से बाहर निकालना होगी लेकिन स्वतंत्रता उनकी नीतिगत प्राथमिकताओं में बनी रहेगी.

शनिवार शाम अपने संबोधन में उन्होंने कहा, "अब इसमें कोई संदेह नहीं है कि स्वतंत्रता समर्थक एक पार्टी स्कॉटलैंड की संसद में बहुमत में होगी. और लोकतंत्र के सामान्य मानकों के हिसाब से बहुमत का फर्ज बनता है कि स्कॉटलैंड के लोगों से जो वादा किया है, उसे निभाया जाए."

बोरिस जॉनसन ने क्या कहा?

एक पत्र में ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने स्कॉटलैंड, वेल्स और नॉर्दर्न आयरलैंड के नेताओं को एक सम्मेलन का न्योता भेजा है जिसमें इंग्लैंड समेत चारों देशों के मिलकर ‘साझा चुनौतियों' से निपटने की रणनीति पर बात करने का प्रस्ताव है. जॉनसन ने लिखा है, "मेरा मानना है कि युनाइटेड किंगडम के लोगों के हित, खासकर स्कॉटलैंड के लोगों के हित में है कि सब मिलकर काम करें." शनिवार को चुनावी नतीजे आने के बाद जॉनसन ने कहा था कि स्कॉटलैंड में स्वतंत्रता के लिए दूसरा जनमत संग्रह 'गैरजिम्मादाराना और लापरवाह' कदम होगा क्योंकि ब्रिटेन महामारी से उबर रहा है.

जॉनसन और उनसे पहले के नेता कहते रहे हैं कि 2014 के जनमत संग्रह में स्कॉटलैंड की आजादी का मुद्दा हल हो चुका है. 2014 में हुए जनमत संग्रह में 55 प्रतिशत लोगों ने युनाइटेड किंग्डम के साथ रहने के पक्ष में वोट किया था. लेकिन स्वतंत्रता समर्थकों का तर्क है कि ब्रेक्जिट के बाद स्थितियां बदल गई हैं. 2016 में हुए जनमत संग्रह में 52 प्रतिशत लोगों ने ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने के पक्ष में वोट किया था. अंततः जनमत संग्रह की इजाजत देने या उसे न होने देने की शक्तियां प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के हाथ में हैं. लेकिन स्टर्जन जनमत संग्रह कराने पर अड़ी रहती हैं तो जनसन यूके के सुप्रीम कोर्ट में जा सकते हैं.

स्कॉटलैंड में चुनाव के नतीजे

गुरुवार को स्कॉटलैंड के राष्ट्रीय और स्थानीय चुनाव हुए थे जिनमें स्कॉटिश नैशनल पार्टी को 64 सीटें मिली थीं. हालांकि 129 सदस्यों वाली संसद में पार्टी पूर्ण बहुमत से एक सीट से चूक गई. लेकिन संसद में स्वतंत्रता समर्थक पार्टियों को बहुमत हासिल हो गया है क्योंकि ग्रीन्स को आठ सीटें मिली हैं. एसएनपी की क्षेत्रीय चुनावों में यह चौथी लगातार जीत है.

एए/वीके (एएफपी, एपी)

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