जापान में बढ़ा समलैंगिक जोड़ों का इंतजार
२० जून २०२२ओसाका की जिला अदालत में तीन समलैंगिक जोड़ों ने यह मामला दायर किया था. अदालत ने ना सिर्फ उनकी शादी करने के अधिकार की अपील को ठुकरा दिया, बल्कि तीनों जोड़ों पर 10 लाख येन (करीब 5.7 लाख रुपये) प्रति जोड़ा जुर्माना भी लगाया है.
मार्च 2021 में सपोरो शहर की एक अदालत ने ऐसे ही एक मामले पर सुनवाई करते हुए फैसला किया था कि समलैंगिक विवाह की अनुमति ना देना असंवैधानिक है. इसके बाद ऐक्टिविस्टों में सरकार पर दबाव बनाने की उम्मीद जगी थी, लेकिन ताजा फैसले से उनकी उम्मीद धराशायी हो गई.
टोक्यो में रहने वाले एलजीबीटीक्यू ऐक्टिविस्ट गोन मात्सुनाका ने कहा, "यह बेहद निराश करने वाला है. सपोरो फैसले के बाद हम वैसे ही या उससे बेहतर फैसले की उम्मीद कर रहे थे."
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जापान का कानून
जापान के संविधान में विवाह को "दोनों लिंगों की आपसी सहमति" पर आधारित बताया गया है. लेकिन टोक्यो में पिछले सप्ताह समलैंगिक जोड़ों के लिए पार्टनरशिप अधिकार लाए जाने के बाद ओसाका वाले मामले को लेकर ऐक्टिविस्टों और वकीलों में उम्मीद बन गई थी.
एशियाई मानकों के हिसाब से जापान के कानून को कुछ इलाकों में तुलनात्मक रूप से आजाद ख्याल माना जाता है. लेकिन पूरे एशिया में सिर्फ ताइवान में ही समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता प्राप्त है.
जापान के मौजूदा कानून के तहत समलैंगिक जोड़े कानूनी रूप से शादी नहीं कर सकते, एक दूसरे की संपत्ति के उत्तराधिकारी भी नहीं बन सकते और उन्हें एक दूसरे के बच्चों पर कोई भी अभिभावकीय अधिकार भी नहीं मिल सकता.
कुछ शहरों में नगरपालिकाएं समलैंगिक जोड़ों को पार्टनरशिप सर्टिफिकेट देती हैं जिसकी मदद से उन्हें मिल कर मकान किराए पर लेने जैसी सुविधाएं मिल जाती हैं. लेकिन इससे उन्हें विपरीत लिंग वाले जोड़ों जैसे कानूनी अधिकार पूर्ण रूप से नहीं मिलते हैं.
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सरकार का रुख
पिछले सप्ताह टोक्यो की स्थानीय सरकार ने समलैंगिक पार्टनरशिप समझौतों को मान्यता देने वाले एक विधेयक को पारित कर दिया. अब जापान की आबादी के लगभग आधे हिस्से पर शासन करने वाली स्थानीय सरकारों ने इस तरह की मान्यता दे दी है.
प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा ने कहा है कि इस मुद्दे पर सावधानी से विचार करने की जरूरत है, लेकिन उनकी पार्टी एलडीपी मामले पर पुनर्विचार करने के लिए ना कोई नया विधेयक लेकर आई है और ना कोई नई योजना. हालांकि पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता सुधार के पक्ष में जरूर हैं.
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टोक्यो में एक और मामले आने वाला है, जिसका मतलब है इस मुद्दे पर सार्वजनिक बहस चलती रहेगी. टोक्यो में स्थानीय सरकार द्वारा पिछले साल कराए गए एक ओपिनियन पोल के अनुसार लगभग 70 प्रतिशत लोग समलैंगिक विवाह के पक्ष में थे.
बढ़िया अवसर
ऐक्टिविस्टों का कहना है कि समलैंगिक विवाह को मान्यता दे देने से देश पर सामाजिक और आर्थिक रूप से दूरगामी असर होंगे. कंपनियों के लिए भी प्रतिभावान कर्मचारियों को आकर्षित करने और कंपनी से जोड़े रखने में आसानी होगी. विदेशी कंपनियों को जापान आने के लिए आमंत्रित करने में भी आसानी होगी.
गोल्डमैन साक्स में प्राइम सेवाओं की प्रमुख मासा यानागिसावा ने कहा, "अगर जापान को एशिया में फिर से अग्रणी स्थान हासिल करना है तो उसके लिए यह एक अच्छा अवसर है." यानागिसावा ऐक्टिविस्ट समूह मैरेज फॉर ऑल के बोर्ड की सदस्य हैं.
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ओसाका फैसले से पहले बात करते हुए उन्होंने कहा, "अंतरराष्ट्रीय कंपनियां अपनी एशिया नीति की समीक्षा कर रही हैं और एलजीबीटीक्यू समावेश एक विषय बन रहा है. अंतरराष्ट्रीय कंपनियां ऐसे स्थानों पर निवेश नहीं करना चाहती हैं जो एलजीबीटीक्यू फ्रेंडली नहीं हैं."
सीके/एए (रॉयटर्स)