क्या आपका कुत्ता भी दिल का मरीज है?
८ अप्रैल २०२१तनाव की चपेट में ना केवल मनुष्य बल्कि जानवर भी आते हैं. हालांकि पालतू जानवरों में तनाव उम्र बढ़ने, उनकी प्रतिरक्षा क्षमता, मौसम के परिवर्तन, विभिन्न अन्य कारकों के साथ जुड़ा हुआ है. पशुचिकित्सा करने वाली प्राची क्षत्रिय का कहना है कि सबसे अधिक तनाव संवेदनशील अंग हृदय होता है, जो न केवल प्रत्येक शरीर के ऊतकों की आवश्यकता को पूरा करता है, बल्कि दबाव चरण के दौरान एक समर्थन प्रणाली के रूप में भी कार्य करता है.
आमतौर पर बड़ी नस्लों की तरह डोबर्मन पिंसर्स, लैब्राडोर र्रिटीवर्स, बॉक्सर और जर्मन शेफर्ड कुत्तों को हृदय संबंधी बीमारियों की संभावना अधिक होती है, जैसे कंजेस्टिव कार्डियक फेलियर, हार्ट वाल्व अपर्याप्तता, पेरिकार्डियल इफ्यूजन और दूसरी बीमारियां इनमें प्रमुख हैं. उनका कहना है कि अपने पालतू कुत्ते के बर्ताव में निम्नलिखित बातों को नजरअंदाज ना करें:
- नियमित खांसी आना
- कम चलने या चंचल गतिविधि के बाद थकावट
- ज्यादा देर तक लेटे रहना
- भूख कम होना
- सीढ़ियों पर चढ़ने के लिए अनिच्छुक
- सुस्त उपस्थिति और अकेले बैठे रहना
प्राची क्षत्रिय का कहना है कि लगभग 10 प्रतिशत युवा और 65 प्रतिशत पुराने कुत्ते विभिन्न हृदय संबंधी समस्याओं से पीड़ित होते हैं. मालिकों की लापरवाही के कारण उनकी मौत तक हो जाती है. हालांकि विशेषज्ञों की सलाह है कि यदि आप अपने पालतू जानवरों के व्यवहार या दिनचर्या की गतिविधियों में कोई बदलाव पाते हैं, तो पशु चिकित्सकों से तत्काल संपर्क करें. इमेजिंग परीक्षण जैसे एक्स-रे, इकोकार्डियोग्राफी, इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफी आदि ही पुष्टि करेगा कि आपका पालतू किसी बीमारी से पीड़ित है, उसे हृदय रोग है या नहीं.
पूजा गुप्ता (आईएएनएस)