टिक टॉक कब लेगा परोसे जा रहे कंटेट की जिम्मेदारी
२४ सितम्बर २०२०सितंबर की शुरुआत में चीनी ऐप टिक टॉक पर डाले गए एक वीडियो ने सनसनी मचा दी. इसमें एक व्यक्ति को बंदूक से अपनी ही जान लेते दिखाया गया था. आत्महत्या का यह वीडियो क्लिप अपलोड होने के साथ ही बहुत तेजी से वायरल हुआ. टीनएजर्स में काफी लोकप्रिय इस ऐप को चलाने वालों के सामने भी तब काफी मुश्किलें आईं, जब उन्होंने इस वीडियो को अपने प्लेटफॉर्म से हटाने की कोशिश की. ब्रिटेन की एक संसदीय समिति के सामने कंपनी ने बताया कि अपनी जांच में उसे इसके एक "समन्वित हमला" होने के सबूत मिले हैं, जिसे साथ मिल कर फैलाने में यूजरों के एक समूह का हाथ था.
शॉर्ट वीडियो शेयरिंग ऐप टिक टॉक में यूरोप के लिए पब्लिक पॉलिसी के जिम्मेदार थियो बेरट्रांड ने माना कि इस वीडियो के फेसबुक पर लाइवस्ट्रीम किए जाने के एक हफ्ते के अंदर टिक टॉक पर बहुत बड़ी संख्या में इसे अपलोड किया गया. बेरट्रांड ने बताया, "डार्क नेट पर सक्रिय कुछ समूहों ने मिल कर योजना बनाई थी कि वे इस वीडियो के माध्यम से टिक टॉक समेत पूरे इंटरनेट पर धावा बोलेंगे.'' डार्क वेब इंटरनेट का वह हिस्सा है जिसमें यूजर की पहचान गुप्त रखने वाले सॉफ्टवेयरों का इस्तेमाल होता है. उन्होंने बताया कि यूजर इस वीडियो को अलग अलग तरीके से काट छांट कर नए नए अकाउंट बनाकर उनके माध्यम से अपलोड कर रहे थे.
टिक टॉक ने अपनी ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट में कहा है कि साल के पहले छह महीनों में उसने करीब 10.45 करोड़ वीडियो को शर्तों के उल्लंघन के चलते प्लेटफॉर्म से हटाया है. यह संख्या वैसे तो काफी बड़ी है लेकिन असल में इसी अवधि में अपलोड हुए कुल वीडियो की संख्या के एक फीसदी से भी कम है. इसी साल कंपनी ने कोरोना वायरस और चुनावों से जुड़े वीडियो में फैक्ट-चेकिंग प्रोग्राम भी शुरू किए हैं ताकि कंटेट के सही होने की पुष्टि की जा सके.
टिक टॉक की फीड दो तरह से काम करती है - या तो यूजर अपने होम पेज पर आने वाली फीड देखता है या वह किसी हैशटैग का इस्तेमाल कर वीडियो खोजता है. इसके एक साल पहले जब टिक टॉक से समलैंगिकता से संबंधित वीडियो सामग्री हटाने की शिकायत हुई थी तो उसने इसके जवाब में कहा था कि कुछ हैशटैग पर कंपनी स्थानीय कानूनों के मद्देनजर प्रतिबंध लगाती है और कुछ पर इसलिए क्योंकि इनका इस्तेमाल पोर्न वीडियो खोजने के लिए किया जाता है.
टिक टॉक ने नौ अन्य टेक कंपनियों को एक वैश्विक गठबंधन विकसित करने का प्रस्ताव दिया है जिससे वे सब एक दूसरे को ऐसे हिंसक और विस्तृत ग्राफिक कंटेट के बारे में चेतावनी दे सकें. टिक टॉक प्लेटफॉर्म की मालिक चीनी कंपनी बाइटडांस पहले से ही विश्व के कई बड़े बाजारों में दबावों का सामना कर रही है. राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं के चलते भारत ने पहले ही टिक टॉक पर बैन लगाया हुआ है और अमेरिका में भी जल्द ही सभी स्मार्टफोन ऐप स्टोर से इसे हटाया जा सकता है.
आरपी/एके (एपी, रॉयटर्स)
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