इंडोनेशिया: क्रिप्टोकरंसी ट्रेडिंग पर रोक का फतवा
१५ नवम्बर २०२१इंडोनेशिया समेत दुनियाभर में में ट्रेडिंग हाल के सालों में तेजी से बढ़ा है. इंडोनेशियाई उलेमा काउंसिल ने एक नए फतवे में कहा है कि दक्षिण पूर्व एशियाई देश में क्रिप्टोकरंसी या डिजिटल मुद्राओं में लेनदेन की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि वे इस्लामी कानून के विपरीत हैं. 27 करोड़ की आबादी वाले दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र में फतवे का कोई कानूनी प्रभाव नहीं है, लेकिन घोषणा संभावित रूप से कई मुसलमानों को क्रिप्टोकरंसी से परहेज करने से मना सकती है.
देश में मुस्लिमों का मार्गदर्शन करने के लिए स्थापित उलेमा काउंसिल को एक शक्तिशाली धार्मिक निकाय माना जाता है. परिषद द्वारा अपनी एक बैठक के बाद जारी किए गए फतवे के मुताबिक क्रिप्टोकरंसी में व्यापार करना जुए के समान है और इस्लाम में जुए की मनाही है.
परिषद के फतवा जारी करने वाले विभाग के प्रमुख असरुन नियाम सलेह ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "इसमें शामिल अनिश्चितता के कारण क्रिप्टोकरंसी की डिजिटल संपत्ति के रूप में बिक्री और खरीद अवैध है. यह पहलू हराम है. यह जुए पर दांव लगाने जैसा है." उन्होंने कहा कि ऐसी मुद्राओं के मूल्य में इतनी तेजी से उतार-चढ़ाव होता है कि यह इस्लामी नियमों और विनियमों के खिलाफ है.
हाल के सालों में दुनिया के अन्य हिस्सों की तरह इंडोनेशिया में बिटक्वाइन और अन्य क्रिप्टोकरंसी में लेनदेन में नाटकीय रूप से वृद्धि हुई है. इंडोनेशिया के वाणिज्य मंत्री मुहम्मद लोत्फी ने इस साल जून में कहा था कि इस साल के पहले पांच महीनों में देश में डिजिटल मुद्राओं में व्यापार की मात्रा राष्ट्रीय मुद्रा में लगभग 26 अरब डॉलर थी.
इंडोनेशियाई उलेमा काउंसिल ने देश के केंद्रीय बैंक की हालिया घोषणा के बाद फतवा जारी किया है. बैंक डिजिटल मुद्रा जारी करने पर विचार कर रहा है. वहीं उलेमा काउंसिल ने 2019 में आचेह प्रांत में अपनी शाखा के माध्यम और फतवे के रूप में लोगों को वास्तविक जीवन में हिंसा के लिए उकसाने के जोखिम के कारण लोकप्रिय ऑनलाइन गेम PUBG को गैर-इस्लामिक घोषित किया था. इसके अलावा इसी परिषद ने हाल ही में ऑनलाइन ऋण के खिलाफ एक फतवा जारी किया था.
एए/वीके (एएफपी)