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जिनपिंग से बातचीत में मोदी ने उठाया लद्दाख का मुद्दा

२५ अगस्त २०२३

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के इतर प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग ने मुलाकात की. मोदी ने क्षेत्र में शांति और एलएसी का मुद्दा उठाया.

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ब्रिक्स सम्मेलन
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में जिनपिंग और मोदी की मुलाकात तस्वीर: Themba Hadebe/AP/picture alliance

दक्षिण अफ्रीका में 15वें ब्रिक्स सम्मेलन के इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति ने मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच क्षेत्र में शांति और एलएसी पर तनाव कम करने जैसे मुद्दे पर बातचीत हुई.

भारतीय विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर बातचीत के दौरान चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर "अनसुलझे" मुद्दों के संबंध में भारत की चिंताओं से अवगत कराया.

क्वात्रा ने इसे द्विपक्षीय बैठक नहीं बताया लेकिन कहा कि बुधवार को हुई बातचीत में मोदी ने रेखांकित किया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखना और एलएसी का सम्मान भारत-चीन संबंधों को सामान्य बनाने के लिए आवश्यक है.

ब्रिक्स सम्मेलन
मोदी ने कहा एलएसी का सम्मान भारत-चीन संबंधों को सामान्य बनाने के लिए आवश्यक हैतस्वीर: Sergei Bobylev/Imago Images

एलएसी पर तनाव कम करने के लिए राजी

मोदी और जिनपिंग के बीच लद्दाख में एलएसी पर तेजी से तनाव घटाने को लेकर सहमति बन गई है. दोनों देश सैनिकों की जल्द वापसी के लिए अपने देशों के अधिकारियों को निर्देश देने पर सहमत हुए हैं.

क्वात्रा ने दिल्ली में कहा कि मोदी ने भारत-चीन सीमा के पश्चिमी सेक्टर में एलएसी पर विवादित मुद्दों को लेकर भारत की चिंता चीन के राष्ट्रपति के सामने रखी. मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि सीमा पर शांति कायम रखना और एलएसी का सम्मान करना, दोनों देशों के बीच संबंधों के सामान्य होने के लिए बेहद जरूरी है.

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चीन ने क्या कहा 

चीन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों नेताओं की मुलाकात मोदी के अनुरोध पर हुई.

नई दिल्ली स्थित चीनी दूतावास ने बाद में चीनी विदेश मंत्रालय के बयान को ट्वीट किया जिसमें कहा गया है कि राष्ट्रपति शी ने इस बात पर जोर दिया कि चीन-भारत के संबंध में सुधार उनके साझा हितों को पूरा करते हैं और विश्व और क्षेत्र की शांति, स्थिरता और विकास के लिए सहायक है.

बयान में आगे कहा गया, "दोनों पक्षों को अपने द्विपक्षीय संबंधों के समग्र हितों को ध्यान में रखना चाहिए और सीमा मुद्दे को ठीक से संभालना चाहिए ताकि संयुक्त रूप से सीमा क्षेत्र में शांति की रक्षा की जा सके."

दोनों नेताओं के बीच ऐसे समय में मुलाकात हुई है जब दिल्ली में अगले महीने जी20 शिखर सम्मेलन होना है और उसमें चीनी राष्ट्रपति के भी आने की उम्मीद है. इससे पहले दोनों के बीच बाली में जी20 समिट में मुलाकात हुई थी. बाली में मुलाकात के बाद दक्षिण अफ्रीका में दोनों नेताओं के बीच यह दूसरी अनौपचारिक बातचीत थी.

तीन साल से तनाव

मई 2020 में चीन और भारतीय सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. यह झड़प लद्दाख की गलवान घाटी में हुई थी जहां से चीन के कब्जे वाला तिब्बत पठार बहुत पास है. गलवान घाटी की झड़प में भारत के 20 सैनिक मारे गये थे. इस घटना में चीन के भी कई सैनिक मारे गये लेकिन चीन की सरकार ने उनकी सही संख्या को सार्वजनिक नहीं किया. इस घटना के बाद दोनों देशों ने इलाके में सैनिकों और हथियारों की भारी तैनाती कर दी.

भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख में कुछ स्थानों पर अब भी गतिरोध बना हुआ है, जबकि दोनों पक्षों ने राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई क्षेत्रों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी कर ली है.

भारत और चीन के बीच 13-14 अगस्त को कोर कमांडर स्तर की 19वें दौर की वार्ता हुई थी. उसके बाद भारत और चीन के बीच मेजर जनरल स्तर की वार्ता भी हो चुकी है, देपसांग और डेमचोक क्षेत्र में काफी समय से लंबित मुद्दों को हल करने के लिए यह सैन्य वार्ता हुई थी.