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अब कनाडा के मंदिर की दीवारों पर भारत विरोधी ग्रैफिटी

३१ जनवरी २०२३

कनाडा के ब्रैंपटन शहर में मशहूर गौरी शंकर मंदिर की दीवारों पर भारत विरोधी ग्रैफिटी बनाने पर भारतीय वाण्जिय दूतावास ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है. इससे पहले भी कई देशों में मंदिरों को निशाना बनाया जा चुका है.

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कनाडा पुलिस
कनाडा पुलिसतस्वीर: David Stobbe/REUTERS

ब्रैंपटन में गौरी शंकर मंदिर की दीवारों पर भारतीय विरोधी ग्रैफिटी बनाने का मामला सामने आया है. इस मामले के सामने आने के बाद से वहां रह रहे भारतीय समुदाय में नाराजगी है. भारतीय वाण्जिय दूतावास ने गौरी शंकर मंदिर में तोड़फोड़ और भारत विरोधी ग्रैफिटी की घटना की निंदा करते हुए कहा कि मंदिर को विरूपित करने से कनाडा में भारतीय समुदाय की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची है.

भारत ने की कड़ी निंदा

भारतीय वाण्जिय दूतावास ने एक ट्वीट में कहा,  "हम भारतीय विरासत के प्रतीक ब्रैंपटन में गौरी शंकर मंदिर को भारत विरोधी ग्रैफिटी से विकृत करने की कड़ी निंदा करते हैं. बर्बरता के घृणित कृत्य से कनाडा में भारतीय समुदाय की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची है. हमने कनाडा के अधिकारियों के साथ इस मामले पर अपनी चिंता जताई है."

भारतीय वाण्जिय दूतावास का कहना है कि उसने अलग से स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों को ऐसा करने वाले अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा है. कनाडा प्रशासन फिलहाल इस घटना की जांच कर रहा है. ब्रैंपटन से पहले पिछले साल जुलाई में इस तरह की तीन घटनाएं सामने आ चुकी हैं.

ब्रैंपटन के मेयर पैट्रिक ब्राउन ने मंदिर को विकृत करने की निंदा की है. ब्राउन ने ट्वीट किया, "बर्बरता के इस घृणित कृत्य का हमारे शहर या देश में कोई स्थान नहीं है." उन्होंने कहा कि उन्होंने इस घृणित अपराध पर क्षेत्रीय पुलिस प्रमुख के साथ अपनी चिंताओं को उठाया है. ब्राउन ने कहा, "हर कोई अपने पूजा स्थल में सुरक्षित महसूस करने का हकदार है."

निशाने पर हिंदू मंदिर

यह घटना केवल जनवरी में खालिस्तानी समूहों द्वारा भारत विरोधी ग्रैफिटी के साथ ऑस्ट्रेलिया में तीन हिंदू मंदिरों को निशाना बनाने के बाद हुई है. जुलाई 2022 में कनाडा के रिचमंड हिल इलाके में एक विष्णु मंदिर में महात्मा गांधी की एक मूर्ति को खंडित कर दिया गया था. सितंबर 2022 में कनाडा के बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर को कथित खालिस्तानी समर्थकों ने भारत विरोधी ग्रैफिटी के साथ विकृत कर दिया था.

ब्रैंपटन में गौरी शंकर मंदिर की दीवोरों पर ग्रैफिटी की घटना ऑस्ट्रेलियाई शहर मेलबर्न में हुई एक घटना के बाद हुई है, जहां शिव विष्णु मंदिर की दीवारों पर तथाकथित खालिस्तान अलगाववादियों द्वारा नफरत से भरी ग्रैफिटी बनाई गई थी. ऑस्ट्रेलिया में भारतीय दूतावास ने वहां की सरकार के साथ इस मुद्दे को उठाया था.

तथाकथित सिख अलगाववादियों का एक समूह ब्रिटेन, जर्मनी और अमेरिका में सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) मंच के तहत सक्रिय रहा है और समुदाय के सदस्यों के खिलाफ भारत में अत्याचार के नाम पर स्थानीय गुरुद्वारों में धन इकट्ठा करता रहा है.

भारत कर चुका है जांच का आग्रह

भारत ने तब कड़े शब्दों में बयान जारी कर कनाडाई अधिकारियों से भारतीयों के खिलाफ घृणा अपराध की बढ़ती घटनाओं की ठीक से जांच करने का आग्रह किया था. पिछले साल सितंबर में भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा था कि भारतीयों के खिलाफ घृणा और भारत विरोधी गतिविधियों से जुड़े मामले में तेज बढ़ोतरी हुई है.

रविवार को ऑस्ट्रेलिया में सिख्स फॉर जस्टिस ने कथित खालिस्तान रेफरेंडम का आयोजन किया था . इस दौरान खालिस्तान  समर्थकों और विरोधियों के बीच सरेआम मारपीट हुई थी. इस मामले में मेलबर्न पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है. भारतीय अधिकारियों ने मेलबर्न में हुई घटना पर ऑस्ट्रेलिया से कड़ी कार्रवाई करने की मागं की है.