दिल्ली में मिला मंकीपॉक्स का चौथा मामला, देश में कुल 9 मरीज
४ अगस्त २०२२राजधानी दिल्ली में 31 साल की विदेशी महिला में मंकीपॉक्स के संक्रमण की पुष्टि के बाद देश में कुल मरीजों की संख्या 9 हो गई है. दिल्ली में संक्रमितों की संख्या चार हो गई है. दिल्ली में नाइजीरियाई महिला में मंकीपॉक्स का संक्रमण मिला है. महिला का सैंपल पॉजिटिव आने के बाद उसे एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बताया जा रहा है कि महिला की विदेश यात्रा की कोई हिस्ट्री नहीं है.
कुल मिलाकर भारत में इस बीमारी के नौ मामले सामने आए हैं. सभी मरीज केरल और दिल्ली में मिले हैं. दिल्ली में एलएनजेपी अस्पताल में मंकीपॉक्स से संक्रमित तीन मरीज इलाज के लिए भर्ती हैं. एक संदिग्ध मरीज की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद उसे छुट्टी दे दी गई. मरीजों के बारे में कहा जा रहा है कि उनकी हालत स्थिर है. उन्हें हल्का बुखार है. शरीर पर लाल दानों में हल्के घाव हैं. दिल्ली में मंकीपॉक्स का पहला मामला 24 जुलाई को आया था.
दिल्ली में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों के बीच राज्य सरकार के अस्पतालों के बाद केंद्र सरकार के अस्पतालों में इलाज का इंतजाम किया जा रहा है. दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मंकीपॉक्स के मरीजों के लिए आइसोलेशन वॉर्ड तैयार किया जा रहा है. मंकीपॉक्स को लेकर दिल्ली सरकार ने लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में 20, गुरु तेग बहादुर अस्पताल में 10 और डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर अस्पताल में 10 आइसोलेशन कमरे आरक्षित किए हैं.
मंकीपॉक्स से बचने के लिए सेक्स पार्टनर कम करने की सलाह
केंद्र सरकार ने बताया क्या करें, क्या न करें
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बीच मंकीपॉक्स से बचने के लिए "क्या करें" और "क्या न करें" से संबंधित दिशानिर्देश जारी किए. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने संक्रमित मरीजों से दूर रहने की सलाह दी है. दिशानिर्देश में कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति किसी मरीज के संपर्क में लंबे समय तक या बार-बार संपर्क में आता है तो वह भी संक्रमित हो सकता है.
दिशानिर्देश में कहा गया है कि संक्रमण से बचने के लिए संक्रमित व्यक्ति को दूसरे लोगों से दूर रखा जाना चाहिए.
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इसके अलावा बताया गया है कि हैंड सैनेटाइजर का इस्तेमाल, साबुन और पानी से हाथ धोना. मास्क और दस्ताने पहनना कुछ ऐसे उपाय हैं, जिनसे बीमारी से बचा जा सकता है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक ऐसे लोगों के साथ तौलिए, रुमाल, कपड़े और दूसरी चीजें साझा करने से बचना चाहिए जो संक्रमित हैं. मरीज और गैर संक्रमित व्यक्ति के कपड़े साथ में नहीं धोने चाहिए.
दिशानिर्देश के मुताबिक लंबे समय तक संक्रमित के संपर्क में रहने पर यह बीमारी इंसान से इंसान में सांस के ड्रॉपलेट्स के जरिए पहुंचती है. इस बीमारी से ठीक होने में कम से कम 6 से लेकर 13 दिन लगते हैं.