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महंगा हुआ पेट्रोल-डीजल, रसोई पर भी महंगाई की आंच

२२ मार्च २०२२

भारत में दूध के बाद अब पेट्रोल-डीजल के साथ-साथ रसाई गैस की कीमतों में इजाफा हुआ है. पहले से ही जनता खाने-पीने के सामान के दाम बढ़ने से परेशान थी. दामों में आई ताजा बढ़ोतरी उनकी जेब पर और भारी पड़ने वाली है.

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तेल के दाम एक बार फिर बढ़ने लगे
तेल के दाम एक बार फिर बढ़ने लगेतस्वीर: Satyajit Shaw/DW

137 दिनों के अंतराल के बाद देश में पेट्रोल और डीजल के दाम तेल विपणन कंपनियां (ओएमसी) ने बढ़ा दिए हैं. इससे देशभर में पेट्रोल-डीजल के दामों में 80 पैसे प्रति लीटर का इजाफा हुआ है. कीमतें बढ़ने के बाद दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल के लिए ग्राहक को 96.21 रुपये चुकाने होंगे और डीजल के लिए 87.47 रुपये अदा करने होंगे.

पेट्रोल और डीजल दोनों की कीमतों में और वृद्धि होने की संभावना है, क्योंकि ओएमसी ने रविवार को थोक डीजल की कीमत में 25 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी, जिससे थोक कीमतें पेट्रोल पंपों पर रिटेल कीमतों से काफी अधिक हो गईं.

चुनाव खत्म और महंगाई का हमला

रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 2008 के बाद रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी. आशंका जताई जा रही थी कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के खत्म होते ही लोगों को महंगा तेल खरीदना पड़ेगा, चुनाव नतीजे घोषित होने के 11 दिनों बाद ही वह आशंका सही साबित हुई. हालांकि, ओएमसी ने एक साथ दाम में मोटा इजाफा नहीं किया है लेकिन हो सकता है कि आने वाले दिनों में इसमें धीरे-धीरे और बढ़ोतरी हो.

आमतौर पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों को पेट्रोलियम उत्पादों के बेंचमार्क कीमतों के 15 दिवसीय रोलिंग औसत के अनुरूप हर रोज बदला जाता है. हालांकि, ओएमसी ने पिछले साल 4 नवंबर से दोनों की कीमतों को स्थिर रखा था. महंगे पेट्रोल और डीजल से आम लोगों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने 4 नवंबर 2021 को उत्पाद शुल्क में कटौती की थी. सरकार ने पेट्रोल पर शुल्क में 5 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी, जिससे ईंधन की कीमतों में काफी कमी आई थी.

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महंगी हुई रसोई गैस

मंगलवार से ही घरेलू एलपीजी सिलेंडर 50 रुपये महंगा हो गया है. दिल्ली में 50 रुपये महंगा होने से पहले जो सिलेंडर (बिना सब्सिडी वाला 14.2 किलो) 899.50 रुपये में मिलता था, अब वह 949.50 रुपये में मिलेगा. आखिरी बार घरेलू एलपीजी सिलेंडर के दाम अक्टूबर 2021 को बदले गए थे.

भारत अपनी जरूरत का 85 फीसदी तेल आयात करता है. इसकी स्थानीय डीजल और पेट्रोल की कीमतें सीधे तौर पर अंतरराष्ट्रीय कीमतों से जुड़ी हुई हैं, जो प्रत्यक्ष रूप से कच्चे तेल की कीमतों में बदलाव भारतीय बाजार पर असर डालते हैं.

इस बीच सोमवार को रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण कच्चे तेल की आपूर्ति कम होने के सवालों पर पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने राज्यसभा में कहा कि रूस से कच्चे तेल का आयात एक प्रतिशत से भी कम है. पुरी ने कहा वित्त वर्ष 2020-21 में भारत ने कच्चे तेल की अपनी जरूरत का 85 फीसदी और प्राकृतिक गैस की जरूरत का 54 फीसदी आयात किया है. 

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वहीं भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एक कार्यक्रम में कहा कि देश में महंगाई तय दायरे से ऊपर बनी हुई है. ऐसी ही स्थिति 2020 में दिखी थी. उन्होंने कहा है कि आने वाले समय में महंगाई में नरमी आएगी.

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