दिवाली के एक दिन बाद दिल्ली की वायु गुणवत्ता खतरनाक
५ नवम्बर २०२१शुक्रवार की सुबह दिल्ली और आस-पास के इलाके के लोगों को "जहरीली" हवा में सांस लेने को मजबूर होना पड़ा. दिल्ली-एनसीआर में पटाखे पर प्रतिबंध के बावजूद कई लोगों ने जमकर आतिशबाजी की. इसी की वजह से दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) खतरनाक में पहुंच गया है. गुरुवार की शाम दिल्ली में हवा की गुणवत्ता गंभीर स्तर को पार कर गई और शुक्रवार गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच गई.
शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक जो गुरुवार शाम 4 बजे 382 पर था, गुरुवार रात लगभग 8 बजे गंभीर स्तर पर पहुंच गया. तापमान में कमी और हवा की गति कम होने से प्रदूषण का स्तर बढ़ता गया. दिल्ली के पड़ोसी शहरों फरीदाबाद (424), गाजियाबाद (442), गुड़गांव (423) और नोएडा (431) ने भी रात 9 बजे के बाद पटाखा फोड़ने के साथ हवा की गुणवत्ता "गंभीर" दर्ज की.
दिल्ली में सुबह लोगों ने गले में खराश और आंखों में पानी आने की शिकायत की. दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध के बावजूद कई जगह लोगों को पटाखे फोड़ते देखा गया. दिल्ली सरकार ने दिवाली के दिन पर पटाखे की बिक्री, भंडारण और उसे फोड़ने को लेकर चेतावनी जारी की थी.
दिल्ली ही हरियाणा सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अपने 14 जिलों में सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री या इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध लगाया है, जबकि अन्य हिस्सों में रोक लगाई गई है.
सिस्टम ऑफ एयर क्वॉलिटी ऐंड वेदर फोरकास्टिंग ऐंड रिसर्च (सफर) को आशंका है कि आज भी हवा की गुणवत्ता "गंभीर" श्रेणी में रहेगी. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी के लगभग सभी निगरानी स्टेशनों में एक्यूआई का स्तर 450 से ऊपर दर्ज किया गया.
जानलेवा है पीएम 2.5
एक शोध दुनियाभर में पीएम 2.5 की वजह से हर साल लगभग 40,000 बच्चे अपने पांचवें जन्मदिन से पहले मर जाते हैं. इसकी वजह से हर साल बीस लाख बच्चों का गर्भ की अवधि पूरा होने से काफी पहले ही जन्म हो जाता है और चालीस लाख दमा रोग के मामले भी सामने आते हैं.