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समाज

किसान आंदोलन का पूरा हुआ एक साल

२६ नवम्बर २०२१

दिल्ली और अन्य जगहों पर शुक्रवार को बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. किसान संगठनों की मांग है कि सरकार एमएसपी की गारंटी वाला कानून बनाए.

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तस्वीर: Yawar Nazir/Getty Images

तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ अपने आंदोलन की पहली वर्षगांठ के मौके पर किसान एमएसपी गारंटी की मांग करने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर हजारों की संख्या में पहुंच रहे हैं. किसानों ने गेहूं की बुवाई कर ली है और वे अब समूहों में अपने गांव से प्रदर्शन में शामिल होने के लिए निकल पड़े हैं.

पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस ले लिया जाएगा. किसान संगठनों ने इस कदम का स्वागत किया लेकिन कहा है कि जब तक कानूनों को औपचारिक रूप से निरस्त नहीं किया जाता और अन्य मांगों को पूरा नहीं किया जाता है, तब तक वे अपना विरोध समाप्त नहीं करेंगे.

केंद्र की घोषणा के बावजूद किसान संगठनों ने आंदोलन खत्म करने के कोई संकेत नहीं दिए हैं. किसान शुक्रवार को देश भर में कई कार्यक्रम और विरोध प्रदर्शन करेंगे. विरोध के एक साल पूरे होने पर शुक्रवार को दिल्ली बॉर्डर पर एक बड़ी सभा का आयोजन किया जा रहा है.

एक प्रमुख हिंदी अखबार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि पंजाब से करीब 48 हजार किसान गुरुवार को दिल्ली की सीमाओं के लिए रवाना हुए हैं. सबसे ज्यादा संगरूर से तीन हजार वाहनों पर करीब 25 हजार किसान खनौरी बॉर्डर से कुंडली और टिकरी बॉर्डर के लिए रवाना हुए.

शुक्रवार को किसान नेता राकेश टिकैत ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि सरकार एमएसपी की गारंटी क्यों नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि किसानों को एमएसपी की गारंटी से फायदा होगा. किसानों की अन्य मांगों में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा की बर्खास्तगी की मांग भी शामिल है. मिश्रा के बेटे पर शांतिपूर्ण रूप से प्रदर्शन कर रहे किसानों को अपनी गाड़ी से कुचलने का आरोप है.

आखिर क्यों वापस लिए गए कृषि कानून

दिल्ली बॉर्डर पर सुरक्षा सख्त

किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. दिल्ली से सटे सिंघु बॉर्डर समेत गाजीपुर बॉर्डर और टीकरी बॉर्डर पर पुलिस की तैनाती की गई है. दिल्ली पुलिस ने सभी किसानों से अपील करते हुए कहा है कि वे कानून को अपने हाथ में ना लें.

इसी हफ्ते केंद्रीय कैबिनेट ने तीनों कृषि कानूनों को वापसी पर सहमति दी थी. सोमवार यानी 29 नवंबर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है. सरकार सत्र के पहले दिन कृषि कानूनों की वापसी से जुड़े विधेयक को सदन में पेश कर सकती है.

इस बीच मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार को सदन में घेरने के लिए गुरुवार को बैठक की. कांग्रेस न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी समेत किसान संगठनों की मांगों, गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा की बर्खास्तगी की मांग, महंगाई और पेगासस जैसे मुद्दों को लोकसभा और राज्यसभा में उठाकर सरकार को घेरेगी.