लोकसभा चुनाव: वाराणसी में मोदी के खिलाफ मैदान में कौन-कौन
१६ मई २०२४उत्तर प्रदेश की वाराणसी लोकसभा सीट पर एक जून को वोट डाले जाएंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार यहां से चुनाव लड़ रहे हैं. मोदी के चुनाव लड़ने से यह एक हॉट सीट बन गई है. ऐसे में कई लोग मोदी को चुनौती देने के लिए मैदान में उतरे हैं.
इनमें से कई उम्मीदवारों का नामांकन पत्र खारिज हो गया. प्रधानमंत्री मोदी समेत 41 उम्मीदवारों ने पर्चा दाखिल किया था. नामांकन पत्रों की जांच के बाद 33 उम्मीदवारों का पर्चा खारिज हो गया है. अब वाराणसी की सीट पर केवल आठ उम्मीदवार बचे हैं.
इस सीट पर पर्चा वापस लेने की आखिरी तारीख 17 मई है, अगर कोई भी उम्मीदवार अपना पर्चा वापस नहीं लेता है तो मोदी के सामने आठ उम्मीदवार होंगे.
पर्चा खारिज होने वाले उम्मीदवारों में हास्य कलाकार श्याम रंगीला का भी नाम है. नरेंद्र मोदी की नकल करने के लिए मशहूर कॉमेडियन श्याम रंगीला का वाराणसी लोकसभा सीट से नामांकन जरूरी हलफनामा दाखिल नहीं करने के कारण बुधवार को खारिज हो गया.
29 साल के श्याम रंगीला ने 14 मई को वाराणसी की लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल किया था. लेकिन अगले ही दिन उनका नामांकन खारिज हो गया. उन्होंने दावा किया था कि वह 10 मई से अपना नामांकन दाखिल करने की कोशिश कर रहे हैं.
नामांकन की आखिरी तारीख 14 मई थी और उसी दिन श्याम रंगीला ने एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था.
उन्होंने यह भी दावा किया जिस दिन प्रधानमंत्री मोदी ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था, उस दिन उन्हें जिला मजिस्ट्रेट के कार्यालय तक पहुंचने से रोक दिया गया था. उन्होंने कहा था, "जीतना या हारना अलग बात है, लेकिन मैं किसी भी कीमत पर प्रधानमंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ूंगा. मैं मशहूर होने के लिए चुनाव नहीं लड़ रहा हूं, मैं पहले से ही जनता के बीच काफी मशहूर हूं."
क्यों खारिज हुआ नामांकन
श्याम रंगीला ने नामांकन प्रक्रिया में कई बाधाओं का आरोप लगाया है और दावा किया है कि उन्हें समय पर अपने नामांकन पत्र जमा करने से रोक दिया गया था. श्याम रंगीला ने वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय तक पर कई आरोप लगाए जिनमें से एक यह है कि उन्हें नामांकन दाखिल करने के दौरान सहायता नहीं दी गई.
वाराणसी जिला मजिस्ट्रेट ने श्याम रंगीला के इन आरोपों पर प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि उनके हलफनामे में कमियां थीं और वो औपचारिकताओं का पालन करने में विफल रहे. वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट ने कहा है कि रंगीला का नामांकन पत्र इसलिए खारिज कर दिया गया क्योंकि उनके द्वारा जमा किया गया हलफनामा "अधूरा" पाया गया.
वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट ने एक्स पर लिखा, "आपके नामांकन पत्र की जांच आपके सामने की गई और आपको कमियों के बारे में बताया गया. आपके द्वारा प्रस्तुत शपथ पत्र अधूरा होने और आपने शपथ/प्रतिज्ञा नहीं ली थी, जिसके आदेश की एक कॉपी आपको भी उपलब्ध करा दी गई है."
बताया जा रहा है कि श्याम रंगीला ने "शपथ और एफर्मेशन" नहीं ली थी. नामांकन भरने के दौरान जिन दस्तावेजों की जांच की जाती है, उनकी जांच सूची में एक बॉक्स पर टिक करना शामिल होता है कि क्या उम्मीदवार ने शपथ ली है और एफर्मेशन किया है.
मोदी के सामने कौन-कौन
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए श्याम रंगीला ने कहा, "मेरा नामांकन खारिज कर दिया गया है...वे नहीं चाहते कि मैं यहां से चुनाव लड़ूं." रंगीला ने आगे कहा, "उन्होंने मंगलवार (नामांकन दाखिल करने का आखिरी दिन) दोपहर 3 बजे के बाद मेरा नामांकन पत्र लिया, जबकि मैं अकेला था. मैं वहां पहली बार गया था और इस प्रक्रिया के बारे में नहीं जानता था. मुझे किसी ने नहीं बताया कि मुझे शपथ लेनी है. अब, वे कह रहे हैं कि क्योंकि मैंने शपथ नहीं ली, इसलिए मेरे कागजात खारिज कर दिए गए."
प्रधानमंत्री मोदी वाराणसी लोकसभा सीट से तीसरी बार चुनाव जीतने की उम्मीद में हैं. मोदी ने पिछले चुनावों में बड़े अंतर के साथ जीत हासिल की थी. वो 2019 में 4.8 लाख वोट और 2014 में 3.72 लाख वोटों के अंतर से जीते थे.
मोदी के खिलाफ इस बार इंडिया गठबंधन की ओर से अजय राय और बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार अतहर जमाल लारी हैं. अजय राय उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं. वे पांच बार उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं.
उन्होंने वाराणसी की सीट से 2014 और 2019 में चुनाव लड़ा था और मोदी से हार गए थे. कांग्रेस में शामिल होने से पहले वह समाजवादी पार्टी में थे. इससे पहले वह बीजेपी में थे. 2012 में वो कांग्रेस में शामिल हो गए थे.
इनके अलावा इस सीट पर अपना दल (कमेरावादी) से गगन प्रकाश, राष्ट्रीय समाजवादी जन क्रांति पार्टी के पारस नाथ केशरी, युग तुलसी पार्टी के उम्मीदवार कोली शेट्टी शिवकुमार और दो निर्दलीय उम्मीदवार संजय कुमार तिवारी और दिनेश कुमार यादव चुनावी मैदान में हैं.
प्रधानमंत्री मोदी 2014 से केंद्र में अपनी पहली सरकार बनाने के बाद से लोकसभा में वाराणसी सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. वाराणसी में लोकसभा चुनाव के सातवें चरण में एक जून को मतदान होगा.