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रिपोर्ट: लोकसभा चुनावों में 1643 दागी उम्मीदवार मैदान में

३० मई २०२४

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के मुताबिक इस बार लोकसभा चुनावों में कुल 1,643 दागी उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं.

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चुनाव प्रचार सामग्री
चुनाव प्रचार सामग्रीतस्वीर: Indranil Aditya/NurPhoto/picture alliance

साल 2024 के आम चुनावों में कुल 8,360 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने 8,337 उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण कर बताया है कि इनमें 1,643 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. संस्था के मुताबिक 20 फीसदी उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं.

चुनावी हलफनामे में लगभग 14 प्रतिशत उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ बलात्कार, हत्या, हत्या की कोशिश और महिलाओं के खिलाफ अपराध समेत गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी है.

एडीआर ने राष्ट्रीय पार्टियों समेत क्षेत्रीय पार्टियों और निर्दलीय उम्मीदवारों द्वारा दायर हलफनामों का विश्लेषण किया. एडीआर ने पाया कि इनमें से 1,333 उम्मीदवार राष्ट्रीय पार्टियों से, 532 राज्य स्तरीय पार्टियों से, 2,580 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त दलों से और 3,915 उम्मीदवार निर्दलीय रूप से चुनावों लड़ रहे हैं.

एडीआर ने उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण किया
एडीआर ने उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण कियातस्वीर: MIRKO KUZMANOVIC/Pond5 Images/IMAGO

महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले

1,191 (14 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं. वहीं 98 प्रत्याशियों ने अपने ऊपर दोषसिद्ध मामले घोषित किए हैं. विश्लेषण में पाया गया है कि कम से कम 197 उम्मीदवारों पर महिलाओं के खिलाफ अपराध से जुड़े मामले दर्ज हैं. इनमें से 16 उम्मीदवारों पर बलात्कार (आईपीसी की धारा-376) और एक ही महिला के साथ बार-बार बलात्कार करने (आईपीसी की धारा-376-2) से जुड़े मामले दर्ज हैं.

एडीआर की रिपोर्ट कहती है कि पार्टियों के मामले में बीजेपी के 440 उम्मीदवारों में से 191 (43 प्रतिशत), कांग्रेस के 327 उम्मीदवारों में से 143 (44 प्रतिशत), बीएसपी के 487 उम्मीदवारों में से 63 (13 प्रतिशत), सीपीआई (एम) के 33 उम्मीदवारों में से (63 प्रतिशत) और 3,903 निर्दलीय उम्मीदवारों में से 550 (14 प्रतिशत) ने अपने हलफनामों में अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं.

महिला उम्मीदवार कितनी

महिला उम्मीदवारों को लेकर भी संस्था ने विश्लेषण किया है. उसके मुताबिक इस बार चुनावों में 797 महिला उम्मीदवार चुनाव लड़ रही हैं. जो कुल उम्मीदवारों का करीब 10 प्रतिशत बनता है. जबकि 2019 के चुनावों में महिला उम्मीदवारों की संख्या 640 थी. पिछले चुनावों में कुल उम्मीदवारों का यह आठ प्रतिशत होता था.

रिपोर्ट यह भी बताती है कि 51 फीसदी उम्मदीवार ग्रैजुट्स हैं या उन्होंने उससे ऊपर की पढ़ाई की है. वहीं अगर इस बार करोड़पति उम्मीदवारों की बात की जाए तो इस बार 8,337 में से 2,572 प्रत्याशी करोड़पति हैं. सबसे ज्यादा करोड़पति उम्मीदवार बीजेपी (403) के हैं.

कांग्रेस के 292 उम्मीदवारों की संपत्ति एक करोड़ या उससे अधिक है. बीएसपी के 163 उम्मीदवारों ने एक करोड़ या उससे अधिक की संपत्ति घोषित की है. सीपीआई (एम) के 27 करोड़पति उम्मीदवार मैदान में हैं. 2024 के चुनावों में करोड़पति उम्मीदवारों के पास औसतन 6.23 करोड़ की संपत्ति है. वहीं पिछले चुनावों में ऐसे उम्मीदवारों के पास औसतन 4.14 करोड़ की संपत्ति थी.

क्या आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोग लड़ सकते हैं चुनाव?

कानून के मुताबिक आपराधिक पृष्ठभूमि वाले नागरिकों को तब तक चुनाव लड़ने से नहीं रोका जा सकता जब तक कि उन्हें दोषी ना ठहराया जाए. अगर वे दोषी ठहराए भी जाते हैं तो उन पर चुनाव लड़ने पर छह साल की रोक रहती है. छह साल बाद वह राजनीति में आ सकता है और दोबारा से चुनाव लड़ सकता है.

मौजूदा कानून के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति को दोषी ठहराया जाता है और उसे कम से कम दो साल की जेल की सजा सुनाई जाती है, तो वह रिहाई की तारीख से अगले छह साल तक चुनाव नहीं लड़ सकेगा.

इसी तरह से जनप्रतिनिधि कानून की धारा आठ के मुताबिक अगर किसी सांसद या विधायक को किसी आपराधिक मामले में दोषी ठहराया जाता है, तो रिहाई के बाद से लेकर अगले छह साल तक चुनाव नहीं लड़ सकेगा. जनप्रतिनिधि कानून की धारा 8 (3) के मुताबिक अगर किसी सांसद या विधायक को दो साल या उससे अधिक की सजा होती है तो तत्काल उसकी सदस्यता चली जाती है.