अग्निपथ के खिलाफ भारत बंद, थम गए पहिये
२० जून २०२२सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना के ऐलान के दूसरे दिन से ही विरोध प्रदर्शन और हिंसा शुरू हो गई थी. कुछ संगठनों ने सोमवार को भारत बंद का ऐलान किया. इस बंद का समर्थन विपक्षी दल भी कर रहे हैं. जिस तरह की हिंसक घटनाएं कई राज्यों में पिछले दिनों हुई थी, इसको लेकर राज्य सरकारों ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं.
दिल्ली-एनसीआर में पुलिस सुरक्षा की वजह से बॉर्डरों पर भारी जाम देखने को मिला. दिल्ली-नोएडा को जोड़ने वाला डीएनडी और दिल्ली-नोएडा सीमा में गाड़ियों की लंबी कतार लग गई. वहीं दिल्ली-गुड़गांव सीमा पर भी कई किलोमीटर लंबा जाम सुबह ही लग गया. हफ्ते के पहले दिन आम लोगों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ा.
बिहार, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और केरल में किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए प्रमुख स्थानों पर पुलिस तैनात की गई है. झारखंड में स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया गया है और कक्षा 9 और 11 की चल रही परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया है.
निशाने पर रेल की संपत्ति
योजना के ऐलान के बाद से ही गुस्साए नौजवानों के निशाने पर रेलवे और रेलवे की संपत्तियां हैं. रेलवे की संपत्ति को नुकसान से बचाने के लिए 530 के करीब ट्रेनें रद्द कर दी गईं हैं. इनमें 348 पैसेंजर ट्रेनें और 181 मेल-एक्सप्रेस ट्रेनें शामिल हैं. पिछले कई दिनों से जारी विरोध प्रदर्शन के दौरान कई ट्रेनें जला दी गईं और उनको नुकसान पहुंचाया गया. सोमवार को ट्रेनें रद्द होने के कारण अलग-अलग राज्यों के रेल स्टेशनों पर यात्री फंसे रहे.
अलग-अलग संगठनों के भारत बंद का समर्थन कांग्रेस, आम आदमी पार्टी समेत कई विपक्षी दलों ने किया है. सोमवार सुबह दिल्ली के शिवाजी ब्रिज रेलवे स्टेशन पर युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने अग्निपथ योजना के खिलाफ रोकी ट्रेन. कार्यकर्ता करीब 40 मिनट तक ट्रेन को रोके रहे.
दूसरी ओर कांग्रेस अग्निपथ योजना के खिलाफ जंतर-मंतर पर विरोध कर रही है. पुलिस ने कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन के लिए कार्यकर्ताओं की संख्या करीब एक हजार रखी है. केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना व राहुल गांधी पर ईडी की कार्रवाई के खिलाफ कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता जंतर-मंतर पर सत्याग्रह कर रहे हैं, इन्हीं दोनों मुद्दों को लेकर कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार शाम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मिलेगा.
भारत: अब सेना में भी होगी ठेके पर भर्ती, आई नई योजना 'अग्निपथ'
"योजना वापस नहीं होगी"
नौजवानों के विरोध बावजूद सेना ने दोहराया है कि अग्निपथ योजना वापस नहीं होगी. सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने सोमवार को एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा है कि अग्निपथ योजना युवाओं, सेना और देशहित में है. उन्होंने कहा कि युवाओं को भर्ती पर ध्यान देना चाहिए और उन्हें गुमराह नहीं होना चाहिए.
जनरल मनोज पांडे ने एक बार फिर दोहराया कि योजना वापस नहीं होगी. केंद्र सरकार के सभी मंत्री और बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री योजना के फायदे गिना रहे हैं और इसे युवाओं के लिए तरक्की वाला कदम बता रहे हैं.
रविवार को भी तीनों सेनाओं की तरफ से कहा गया कि अब सारी भर्तियां अग्निपथ योजना के जरिए होंगी. सेना का कहना है कि जो भी युवा अग्निवीर बनना चाहता है उसे शपथ पत्र देना होगा कि वह किसी विरोध प्रदर्शन या तोड़फोड़ में शामिल नहीं हुआ है.
रक्षा मंत्रालय के सैन्य मामलों के विभाग में अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा है कि अग्निवीरों की पुलिस जांच कराई जाएगी. कैमरों और सीसीटीवी फुटेज से भी इस बात की पुष्टि की जाएगी कि आवेदक ने किसी आंदोलन या प्रदर्शन में हिस्सा तो नहीं लिया है.