दुनिया की नजर तीसरी लहर से लड़ रहे भारत पर
भारत में एक बार फिर कोविड-19 के संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं और दूसरी लहर जैसे संकट की वापसी को लेकर डर फैल रहा है. कई शहरों में कई तरह के प्रतिबंध लागू भी कर दिए गए हैं.
भीड़ में बढ़ता है वायरस
दिल्ली की इस सड़क जैसे भीड़ भाड़ वाले इलाके बेहद संक्रामक कोविड-19 ओमिक्रॉन वेरिएंट के पनपने के लिए आदर्श हैं. एक ही हफ्ते में भारत में संक्रमण के नए मामलों की संख्या दोगुनी हो कर रोजाना करीब 1,20,000 पर पहुंच गई है. जानकार चेतावनी दे रहे हैं कि बढ़ते मामले जल्द ही देश के अस्पतालों की हालत खराब कर सकते हैं.
जांच होती रहनी चाहिए
बताया जा रहा है कि कई मामलों में ओमिक्रॉन का शरीर पर असर हल्का ही रहता है. लेकिन अगर अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में कामगार बीमार हो गए तो इससे उथल पुथल हो सकती है. भारत सरकार ने पहले से नाजुक पड़ी अर्थव्यवस्था को देखते हुए अभी तक लॉकडाउन नहीं लगाया है.
अस्पतालों में खतरे की घंटी नहीं
स्वास्थ्यकर्मी अभी तक आशावान हैं. उनका कहना है कि अस्पतालों में भर्ती हो रहे मरीजों में कभी कभार ही कोई गंभीर मामला आता है. स्वास्थ्यकर्मियों के पास तजुर्बे का फायदा भी है. दिल्ली सरकार के एक अस्पताल में एक स्वास्थ्यकर्मी ने बताया, "पिछले साल हमें नहीं मालूम था कि हमारा किस चीज से पाला पड़ा है. मुझे लगता है कि मानसिक तौर पर अब स्थिति बेहतर है."
दिल्ली में वीकेंड कर्फ्यू
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रोज की संक्रमण दर पांच गुना बढ़ गई है. वीकेंड पर दिल्ली सरकार ने 55 घंटों का कर्फ्यू लगाया. दूसरे राज्यों में भी इस तरह के प्रतिबंध लग सकते हैं.
ऑक्सीजन सिलिंडर इकट्ठा करना
ऐसा लग रहा है कि भारत दूसरी लहर के मुकाबले तीसरी लहर का सामना करने के लिए ज्यादा तैयार है. पिछले साल देश के कई हिस्सों में स्वास्थ्य व्यवस्था ही चरमरा गई थी. यहां तक की अस्पतालों में ऑक्सीजन का भी संकट हो गया था. इस बार सरकारी एजेंसियों ने ऑक्सीजन सिलिंडरों के भंडारण की क्षमता बढ़ा दी है.
टीकाकरण से उम्मीदें
भारत में टीके की करीब 1.5 अरब खुराकें दी जा चुकी हैं. देश की दो-तिहाई आबादी का टीकाकरण पूरा हो चुका है. पिछली लहर के संक्रमण से मिली रोग प्रतिरोधक क्षमता और टीकाकरण अभियान से ओमिक्रॉन के असर को कम करने में मदद मिल सकती है. (फिलिप बोल)