कांगो लाया सोने की तस्करी रोकने का नया तरीका
अफ्रीकी देश कांगो से हर साल कितने टन सोने की तस्करी की जाती है, इसका कोई अनुमान नहीं है. तस्करों को रोकने के लिए कांगो ने संयुक्त अरब अमीरात के साथ एक करार किया है.
सोने के व्यापार को पारदर्शी बनाना
आम तौर पर पूर्वी कांगो में खनन किए गए अधिकांश सोने की तस्करी सीमा पार रवांडा में की जाती है. प्राइमेरा गोल्ड, कांगो और संयुक्त अरब अमीरात के बीच एक जॉइंट वेंचर है, जिसका उद्देश्य सोने के व्यापार को ज्यादा पारदर्शी बनाना है.
व्यापार, तस्करी नहीं
बेंजामिन बिसिमवा, प्राइमेरा गोल्ड नामक संस्था के सहायक प्रबंध निदेशक हैं. उन्होंने बताया कि 2022 में हर महीने औसतन करीब एक टन सोने की तस्करी सीमा पार से की गई. हालांकि पूरे साल में केवल 34 किलोग्राम सोना ही निर्यात के लिए आधिकारिक रूप से घोषित किया गया था.
बहुत शुद्ध है यहां का सोना
इस तस्वीर में एक मजदूर सांचे में तरल सोना डाल रहा है. कांगो की खदानों से निकला सोना बहुत शुद्ध होता है. दो किलो सोने की एक ईंट की कीमत करीब एक लाख 17 हजार डॉलर तक हो सकती है. एक स्पेक्ट्रोमीटर ने शुद्धता को 96.8 फीसदी पाया. विशेषज्ञों के अनुसार, यह दुनिया के सबसे शुद्ध सोने में से एक है.
एक खतरनाक काम
स्वर्ण खनिक कम वेतन पर बहुत कठोर परिस्थितियों में काम करते हैं. प्राइमेरा गोल्ड श्रमिकों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना चाहता है. श्रमिकों के लिए बेहतर कामकाजी माहौल बनाने के अलावा वह उन्हें स्वास्थ्य बीमा देने की भी योजना बना रहा है.
क्या खनिकों का बोझ कम होगा?
कांगो में कंपनी की महत्वाकांक्षाओं के लिए समर्थन है, लेकिन इसको लेकर संदेह भी है. क्षेत्र में नागरिक समाज के एक प्रतिनिधि ब्लेज बुबाला कहते हैं, "अभी भी एक बड़ा प्रश्न चिह्न है." हालांकि राज्य के पास प्राइमेरा गोल्ड का 45 फीसदी हिस्सा है, लेकिन इसमें संदेह है कि क्या पैसा वास्तव में गरीब समुदायों में वापस आ जाएगा जहां स्कूलों, सड़कों और अस्पतालों की कमी है.
अनिश्चित भविष्य
प्राइमेरा गोल्ड ने स्वीकार किया कि खनिकों के सभी अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए अभी भी लंबा रास्ता तय करना है. कंपनी का कहना है कि वह खनिकों को स्वास्थ्य बीमा भी देने पर विचार कर रही है. लेकिन खनिकों का सुरक्षा उपकरणों के बिना अनिश्चित परिस्थितियों में काम करना जारी है. कभी-कभी तो उन्हें नंगे पांव भी काम करना पड़ता है.