फिलिस्तीनी क्षेत्रों में युद्ध अपराधों की जांच
४ मार्च २०२१हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (आईसीसी) में मुख्य अभियोजक फताऊ बेंसौदा ने बुधवार, 3 मार्च को घोषणा की कि फिलिस्तीनी क्षेत्रों में संभावित युद्ध अपराधों की औपचारिक रूप से जांच शुरू करने का फैसला किया गया है. आईसीसी की बेंसौदा ने एक बयान में कहा, "जांच बिना किसी भय और निष्पक्ष तरीके से की जाएगी."
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय दोनों पक्षों के संभावित युद्ध अपराधों की जांच करेगा. फिलिस्तीनी अधिकारियों ने इसका स्वागत करते हुए कहा है कि इससे न्याय के साथ-साथ जवाबदेही भी तय होगी. वहीं इस्राएल इसका विरोध कर रहा है और यहूदी विरोधी भावना का आरोप लगा रहा है.
आईसीसी ने पिछले महीने एक ऐतिहासिक फैसले में कहा कि 1967 के युद्ध के बाद से इस्राएल द्वारा कब्जा किए गए फिलिस्तीनी क्षेत्र अदालत के अधिकार क्षेत्र में आते हैं. आईसीसी के इस फैसले के बाद अमेरिका और इस्राएल नाराज हैं.
बेंसौदा का कहना है कि उनका विभाग पिछले पांच सालों से फिलिस्तीनी क्षेत्रों में संभावित युद्ध अपराधों की प्रारंभिक जांच कर रहा है और उसी के आधार पर औपचारिक जांच शुरू करने का फैसला किया गया है. उन्होंने कहा, "आखिरकार, हमारी मुख्य चिंता फिलिस्तीनियों और इस्राएलियों दोनों के लिए होनी चाहिए, जो लंबे समय से चल रही हिंसा और असुरक्षा से प्रभावित हैं, जिससे उन्हें गहरा दुख और गहरी निराशा हुई है." बेंसौदा ने आगे कहा, "मेरा विभाग उसी निष्पक्ष सिद्धांतों और दृष्टिकोणों को आगे बढ़ाता रहेगा जो उसने अन्य सभी स्थितियों में अपनाए हैं और जो उसके अधिकार क्षेत्र में आते हैं."
बेंसौदा ने दिसंबर 2019 में कहा था कि युद्ध अपराध गाजा पट्टी, यरुशलम और वेस्ट बैंक में किए गए थे. उन्होंने इस अपराध के लिए इस्राएली सेना और फिलिस्तीनी समूह हमास को संभावित दोषी बताया था. 2014 में इस्राएल की सेना और हमास के बीच लड़ाई में कम से कम 2,000 फिलिस्तीनी और 60 इस्राएली मारे गए थे.
इस्राएल ने आईसीसी के फैसले की कड़ी निंदा की है. एक वीडियो बयान में, इस्राएल के प्रधान मंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू ने अदालत पर "पाखंड और यहूदी-विरोधी" होने का आरोप लगाया और सच्चाई के लिए लड़ने का ऐलान किया. इस्राएल के विदेश मंत्री गाबी अश्केनजी ने इसे "नैतिक और कानूनी दिवालियापन" कहा. उन्होंने कहा कि इस्राएल अपने अपने नागरिकों और सैनिकों को अभियोजन से बचाने के लिए हर संभव प्रयास करेगा.
दूसरी ओर फिलिस्तीनी प्राधिकरण के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में आईसीसी के फैसले की प्रशंसा की है और कहा इस कदम का लंबे समय से इंतजार था और उसके लोगों को न्याय और शांति दिलाने की कोशिश का नतीजा है.
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि वॉशिंगटन आईसीसी अभियोजक की घोषणा से निराश है. उन्होंने कहा, "हम इस्राएल को निशाना बनाने वाले किसी भी कदम का विरोध करते हुए इस्राएल और उसकी सुरक्षा के खिलाफ मजबूती से खड़े रहेंगे."
एए/सीके (रॉयटर्स, एपी)
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