शार्ली एब्दो पर हुए हमले में 14 लोग दोषी करार
१७ दिसम्बर २०२०बुधवार 16 दिसंबर को पेरिस की एक अदालत ने 2015 में व्यंग्य पत्रिका शार्ली एब्दो और एक सुपरमार्केट पर हुए आतंकी हमले में सहयोग करने के आरोप में 14 लोगों को दोषी पाया है. बुधवार को अदालत में हुई सुनवाई के दौरान 11 अभियुक्त मौजूद थे जबकि तीन पर सुनवाई उनकी गैर मौजूदगी में हुई, ये तीनों हमले के बाद सीरिया भाग गए थे. इनमें हयात बौमेदीन भी शामिल हैं, जिसके पार्टनर अमेदी कुलबेली ने सुपरमार्केट में हमला कर चार लोगों की जान ले ली थी. बाद में पुलिस के साथ मुठभेड़ में वह मारा गया था. बौमेदीन को अदालत ने 30 साल की साल की सजा सुनाई है.
लंबी जांच के बाद आरोपियों को दोषी माना गया है. शेष 11 आरोपियों ने जान पहचान वाले लोगों और जेल के परिचितों के एक समूह का गठन किया, इसके तहत उन्हें छोटे-मोटे अपराध को अंजाम देने के लिए सहयोग के लिए कहा गया था, उदाहरण के लिए हथियारबंद डकैती. अदालत ने एक और आरोपी को दोषी ठहराया है उसका नाम अली रजा पोलाट है, जिसे सुपरमार्केट पर हमला करने वाले अमेदी कुलबेली के लेफ्टिनेंट के तौर पर बताया जाता है. अदालत ने पोलाट को उम्र कैद की सजा सुनाई है. कई अभियुक्त हमले के पहले कुलबेली से कॉल या मैसेज के जरिए जुड़े हुए थे.
शार्ली एब्दो पर हमला
फ्रांस के सबसे मशहूर कार्टूनिस्टों समेत 17 लोगों की 7 जनवरी 2015 को दो आतंकी हमले में जान चली गई थी. दो भाइयों साएद और शेरिफ कुआशी ने पेरिस में पत्रिका के दफ्तर में घुस कर अंधाधुंध गोलीबारी की. हमले के दौरान एक यहूदी सुपरमार्केट को भी निशाना बनाया गया था. कुलबेली ने एक महिला पुलिसकर्मी की भी हत्याकर कर दी थी. कुलबेली यहूदी सामुदायिक केंद्र पर हमला करने में विफल रहा था. हालांकि दोनों आतंकी घटनाओं को तुरंत साथ नहीं जोड़कर देखा गया था, जांच के बाद पता चला कि कुलबेली ने कोशर सुपरमार्केट में फायरिंग को अंजाम दिया और उस दौरान चार लोग मारे गए थे. अलग-अलग पुलिस कार्रवाई के दौरान तीन हथियारबंद हमलावर मारे गए थे. इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने ली थी.
शार्ली एब्दो पत्रिका ने पैगंबर मोहम्मद का कार्टून छापा था जिसके बाद इस्लामी बंदूकधारियों ने संपादकीय टीम पर हमला किया था. अलग-अलग धर्मों के नेताओं का कार्टून बनाने को शार्ली एब्दो अभिव्यक्ति की आजादी मानता है और अकसर यह काम करता है, वहीं मुसलमान पैगंबर मुहम्मद की तस्वीर या कार्टून को ईशनिंदा के रूप में देखते हैं और इसका विरोध करते हैं.
एए/सीके (रॉयटर्स, एपी)