78.75 करोड़ डॉलर देकर फॉक्स न्यूज ने मानहानि को निपटाया
२० अप्रैल २०२३फॉक्स न्यूज ने आखिरी पलों में निपटारा करके खुद को मानहानि के एक बड़े मुकदमे से तो बचा लिया, लेकिन इसकी छवि को गहरा धक्का लगा है. अमेरिका के सबसे ताकतवर और सबसे ज्यादा मुनाफे में चल रहे फॉक्स न्यूज नेटवर्क ने 78.75 करोड़ डॉलर की रकम पर मामले का निपटारा कर लिया.
मानहानि का मुकदमा
मानहानि का यह दावा वोटिंग टेक्नोलॉजी कंपनी डोमिनियन की ओर से दायर किया गया था. डोमिनियन का कहना है कि 2020 के चुनावों में गड़बड़ी के बारे में फॉक्स न्यूज ने गलत खबर चलाई थी. यह मुकदमा काफी विस्फोटक हो सकता था, मगर फॉक्स न्यूज ने हर्जाना देकर खुद को इस पचड़े से निकाल लिया.
हालांकि, यह निपटारा गलत खबर देने वालों के लिए एक चेतावनी जैसा है कि ऐसा करने पर उन्हें भी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है. यहां तक कि दिग्गज मीडिया कंपनियां भी इसकी चपेट में आएंगी.
सायराक्यूज यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रॉय गुटरमान का कहना है, "इसे लाइव प्रसारकों के लिए जगाने की घंटी के रूप में देखा जा सकता है और यह याद दिलाता है कि वास्तविक बयानों में गलती और जानबूझकर गलत जानकारी देने में फर्क है."
डोमिनियन ने फॉक्स न्यूज पर 1.6 अरब डॉलर का मानहानि का दावा किया था. कंपनी ने आरोप लगाया कि फॉक्स नेटवर्क ने डॉनल्ड ट्रंप के झूठे दावों को प्रचारित किया, जिसमें कहा गया था कि 2020 के चुनावों में जो बाइडेन को फायदा पहुंचाने के लिए कंपनी की वोटिंग मशीनें इस्तेमाल करके गड़बड़ी की गई.
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मुकदमे से बचा फॉक्स न्यूज
इस निपटारे का मतलब है कि कंपनी के दिग्गज मैनेजरों मसलन फॉक्स कार्पोरेशन के चेयरमैन रूपर्ट मर्डोक या टकर कार्लसन और शॉन हैनिटी जैसे प्रसारकों को अदालत में पेश नहीं होना पड़ेगा. डेलवेयर लॉ स्कूल के प्रोफेसर जॉन कुल्हाने का कहना है, "हार और अदालती प्रक्रिया फॉक्स के लिए और ज्यादा बुरी होती. अपनी डिसइन्फॉर्मेशन मशीन को बचाने के लिए उन्हें ज्यूरी के सामने हाईप्रोफाइल गवाहों की परेड करानी पड़ती."
डोमिनियन ने बड़ी मात्रा में फॉक्स न्यूज के इंटरनल कम्युनिकेशन से जुड़ी फाइलें जारी की हैं. इनमें टेक्स्ट मैसेज और ईमेल भी हैं, जो दिखाते हैं कि कंपनी के अधिकारियों ने ट्रंप के दावों को खारिज किया था और ऑनएयर उनकी तारीफ करने के बावजूद बाद में अपने भाव बदल लिए थे.
अमेरिकी मीडिया में आ रही खबरों में कहा गया है कि निपटारे की शर्तों के मुताबिक मीडिया कंपनी माफी नहीं मांगेगी. न ही उसे यह मानना होगा कि उसने अपने नेटवर्क पर गलत जानकारी का प्रचार-प्रसार किया.
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क्या सबक लेगा फॉक्स न्यूज
क्या यह भारी कीमत इस नेटवर्क को भविष्य में ऐसी गलतियां दोहराने से रोक सकेगी? कई विश्लेषकों का कहना है कि नेटवर्क ऐसा करना बंद तो नहीं करेगा, लेकिन कुछ समय के लिए ठंडा जरूर पड़ जाएगा. गैर-सरकारी संगठन OSET इंस्टीट्यूट के ग्रेगरी मिलर का कहना है, "क्या फॉक्स के डिसइन्फॉर्मेशन इंजन पर लगाम लग जाएगा? मुझे संदेह है. कुछ समय के लिए ठंडा रहेगा, लेकिन फिर पूरे जोश-ओ-खरोश के साथ जुटेगा. 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में."
जानकार अमेरिका में 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में जबर्दस्त ध्रुवीकरण की भविष्यवाणी कर रहे हैं. 6 जनवरी 2021 को ट्रंप के चुनाव में गड़बड़ी के झूठे दावों की वजह से लोगों की भीड़ उत्तेजित होकर जबरन कैपिटॉल में घुस गई. अमेरिका के इतिहास में ऐसी घटना कभी नहीं हुई थी. ट्रंप एक बार फिर राष्ट्रपति चुनाव की उम्मीदवारी के लिए मैदान में उतर हैं.
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फॉक्स न्यूज की मुसीबतें और भी हैं
फॉक्स न्यूज की दिक्कतें अभी खत्म नहीं हुई हैं. उसके सामने 2.7 अरब डॉलर का मानहानि का एक और मुकदमा है, जिसे वोटिंग टेक्नोलॉजी कंपनी स्मार्टमैटिक ने दायर किया है. स्मार्टमैटिक ने भी डोमिनियन की तरह मीडिया कंपनी पर गलत जानकारी फैलाने का दावा किया और कहा है कि इसने 2020 के चुनाव में ट्रंप की हार में भूमिका निभाई.
अमेरिकी मीडिया में जारी एक बयान में स्मार्टमैटिक के अटॉर्नी ने कहा है, "डोमिनियन की याचिका ने फॉक्स के डिसइन्फॉर्मेशन कैंपेन के कारण हुईं कुछ गड़बड़ियों का पर्दाफाश किया. बची हुई गड़बड़ियों का पर्दाफाश स्मार्टमैटिक करेगी."
एनआर/वीएस (एएफपी)