कतर: धीरे-धीरे चढ़ रहा है विश्वकप का बुखार
कतर में 20 नवंबर को विश्व कप का आगाज हो रहा है और ऐसे में विदेशी पर्यटक इस खाड़ी देश में फुटबॉल देखने के लिए पहुंच रहे हैं. देश की मानवाधिकारों के उल्लंघन की आलोचन होती आ रही है.
पहुंच रहे विदेश पर्यटक
अलग-अलग देशों के समर्थक अब कतर की सड़कों पर नजर आ रहे हैं. जैसा कि फ्लैग स्क्वायर में देखा जा सकता है. ये जर्मनी के समर्थक हैं. इनके हाथों में जर्मन झंडा है. अपनी टीम को सपोर्ट करने के लिए अपने साथ ये टीम की जर्सी भी लाए हैं.
टीमों का समर्थन कुछ ऐसे
बहुत सारे फैंस अपनी टीम का समर्थन करने के लिए जर्सी और बाजे गाजे के साथ यहां पहुंचे हैं.
इंग्लैंड के फैंस भी पीछे नहीं
इंग्लैंड के फुटबॉल प्रशंसकों बहुत जोश में हैं. जैसे ही वे शोर करते हैं, सुरक्षा कर्मियों को उन्हें संभालने के लिए कभी-कभी संघर्ष करना पड़ता है.
ढोल की थाप पर नाचते फैंस
इंग्लैंड के प्रशंसक ढोल की थाप पर सड़कों पर नाच रहे हैं. खेल शुरू होने के पहले दोहा की सड़कों पर रंग बिरंगी तस्वीरें देखने को मिल रही हैं.
झंडे, रंग बिरंगे बालों की बिक्री
कतर में विभिन्न दुकानों में विभिन्न देशों के झंडे खरीदने के लिए उपलब्ध हैं. यहां झंडे भी खूब बिक रहे हैं. अर्जेंटीना, ब्राजील, इंग्लैंड, फ्रांस और कतर के झंडों की मांग अधिक है.
एक विवादास्पद फैसला
2022 के फुटबॉल विश्व कप की मेजबानी कतर को सौंपे हुए फीफा को 12 साल हो चुके हैं. फुटबॉल की इस आधिकारिक संस्था के इतिहास में, मेजबानी को लेकर शायद ये सबसे ज्यादा विवादास्पद फैसला था.
चमक दमक से कुछ अलग भी
कतर में प्रवासी मजदूरों के हालात की भी हाल के वर्षों में खासी कड़ी आलोचना हुई है. कई पत्रकारों और गैर सरकारी संगठनों ने कतर का दौरा किया है. उन्होंने शेल्टरों और निर्माण स्थलों पर जीवनयापन के कभी कभी बेहद खराब हालात दर्ज किए.