नीलाम हुआ दुनिया का पहला "नायाब एसएमएस"
२२ दिसम्बर २०२१पेरिस के एगट्स नीलामी घर ने कहा कि 1992 में मोबाइल फोन पर भेजा गया पहला एसएमएस मंगलवार को नीलामी में एनएफटी के रूप में 1,21,600 डॉलर यानी 91 लाख 15 हजार रुपये से अधिक में बिका. इस पहले एसएमएस के खरीदार की पहचान का खुलासा नहीं किया गया है. इस एसएमएस की नीलामी एनएफटी यानी नॉन फंजीबल टोकन के रूप में हुई. इस एसएमएस को एनएफटी में तब्दील कर दिया गया है.
पहला एसएमएस वोडाफोन के कर्मचारी रिचर्ड जार्विस को "मेरी क्रिसमस" की बधाई के लिए भेजा गया एक 15 कैरेक्टर का संदेश था. प्रोग्रामर नील पापवर्थ ने अपने सहयोगी जार्विस को उस समय संदेश भेजा था, जब वे कंपनी की क्रिसमस पार्टी में शामिल थे. इस एसएमएस का खरीदार बिटक्वॉइन के बाद दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी एथर में भुगतान करेगा.
एनएफटी क्या है?
एनएफटी यानी नॉन फंजीबल टोकन. अर्थव्यवस्था में फंजीबल संपत्ति उसे कहते हैं जो हाथ से ली-दी जा सके. जैसे आपके पास 100 रुपये का नोट है, जिसे देकर आप 50-50 रुपये के दो नोट ले सकते हैं. यह फंजीबल संपत्ति है. तो इसके उलट नॉन-फंजीबल हुआ, जिसका ठोस आधार पर लेन-देन ना हो सके. यानी उसकी कीमत कुछ ऐसी है कि उसके बदले कुछ लिया दिया नहीं जा सकता.
यह कोई घर भी हो सकता है, कोई पेंटिग या कोई तस्वीर हो सकती है. ऐसी चीजें दूसरी नहीं हैं, तो इनकी असल कीमत तय करना मुश्किल है. डिजिटल जगत में ऐसी चीजों को सामान्य चीजों की तरह खरीदा बेचा जा सकता है. इसके बदले डिजिटल टोकन मिल जाएंगे, जिन्हें एनएफटी कहा जाता है. एनएफटी को ब्लॉकचेन तकनीक के जरिए संभाला जाता है.
रकम का क्या करेगा वोडाफोन
वोडाफोन ने कहा कि वह बिक्री की आय संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (यूएनएचसीआर) को दान करेगा. वोडाफोन ने यूएनएचसीआर के प्राइवेट सेक्टर पार्टनरशिप सर्विस के प्रमुख क्रिश्चियन शाके के हवाले से कहा, "प्रौद्योगिकी में हमेशा दुनिया को नया करने और बदलने की शक्ति रही है."
बयान के मुताबिक, "सामाजिक भलाई के लिए अभूतपूर्व तकनीक और आंदोलन के इस संयोजन के माध्यम से यूएनएचसीआर शरणार्थियों और उन लोगों की मदद करना जारी रख सकता है जिन्हें घर से भागने के लिए मजबूर किया गया है, जिससे उन्हें अपने जीवन को बदलने, अपने प्रियजनों और समुदायों के लिए बेहतर भविष्य बनाने का अवसर मिलता है."
इसी साल विश्व प्रसिद्ध नीलामी घर 'क्रिस्टी' ने एक पूरी तरह से डिजिटल आर्टपीस को बेचा था. ब्रिटिश नीलामी घर ने पूरी तरह से डिजिटल तस्वीरों के एक कोलाज 'बीपल' को रिकॉर्ड 6.9 करोड़ डॉलर में बेचा था.
एए/सीके (एएफपी)