यूरोप ला रहा है सोशल मीडिया कंपनियों पर बेहद सख्त कानून
२४ अगस्त २०२३डीएसए 25 अगस्त से लागू हो रहा है. यह टेक कंपनियों को कानूनी तौर पर उत्तरदायी बनाएगा कि वे अपने यहां मौजूद ऑनलाइन कंटेंट की ज्यादा सजगता से निगरानी करें. अपने प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने वाले लोगों को हेट स्पीच और गलत जानकारियों से बचाएं. ऐसा ना करने पर उनपर भारी जुर्माना लग सकता है. जुर्माने की रकम कंपनी के वैश्विक राजस्व का छह फीसदी तक हो सकती है. कानून के उल्लंघन की स्थिति में कंपनी या प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाए जाने का भी प्रावधान है.
अब तक बड़ी टेक कंपनियां अपने प्लेटफॉर्म पर मौजूद कंटेंट की जिम्मेदारियों से बचती आई हैं. तकनीक से जुड़े कानून की प्रोफेसर सुजाने वेनोले बताती हैं, "डीएसए लोगों, नियामकों और नागरिक समाज को ज्यादा ताकत देने की एक विस्तृत रणनीति का हिस्सा है. यह ज्यादा जवाबदेही तय करने की दिशा में अगला कदम है."
सर्च इंजन भी कानून के दायरे में
ईयू का यह सख्त कानून यूट्यूब, एक्स (ट्विटर का नया नाम), फेसबुक, इंस्टाग्राम, टिक टॉक जैसे सोशल मीडिया के सबसे बड़े प्लेटफॉर्मों तक ही सीमित नहीं है. गूगल सर्च इंजन और माइक्रोसॉफ्ट बिंग भी इसकी जद में होंगे. साथ ही, ऐमाजॉन जैसे खरीदारी की कंपनियां, ऐपल स्टोर और गूगल प्ले भी परिधि में होंगे.
ईयू के आंतरिक बाजार के कमिश्नर थिअरी बोहतों कहते हैं कि नए कानून के मद्देनजर अपने सिस्टम में बदलाव करने और सामंजस्य बिठाने के लिए कंपनियों के पास पर्याप्त समय था. उन्होंने न्यूज एजेंसी एएफपी से कहा कि डीएसए को अच्छी तरह लागू करवाया जाएगा. उल्लंघन की स्थिति में एजेंसियां प्लेटफॉर्मों पर कार्रवाई भी करेंगी.
यूरोप से बाहर भी आ सकता है बदलाव
कंपनियां किस तरह कानून का पालन करती हैं और यूरोप में ऑनलाइन संसार पर इसका कैसा असर होता है, इसपर और भी देशों की नजरें होंगी. विशेषज्ञों का अनुमान है कि डीएसए, ईयू के बाहर भी बड़े स्तर पर बदलावों की जमीन तैयार कर सकता है.
ऐसा नहीं कि यूजर्स को डीसीए का असर लागू होते ही महसूस होने लगेगा. रिसर्च और एडवोकेसी संगठन अल्गोरिदमवॉच जॉन अल्बर्ट कहते हैं, "जहां तक कंपनियों के सक्रियता से कानून पालन की तैयारी का पहलू है, तो यह ऐसी चीज है, जो अभी से ही धीरे-धीरे देखने को मिल रही है."
मेटा और टिकटॉक ने इसी महीने बताया था कि वो डीएसए के पालन के लिए क्या कदम उठाएंगे. गूगल ने भी कहा था कि उसने डीएसए के लागू होने का इंतजार नहीं किया, बल्कि पहले ही इसकी नीतियों का पालन करना शुरू कर दिया.
कमिश्नर थिअरी बोहतों ने एक्स (पहले ट्विटर) के मालिक इलॉन मस्क को भी चेतावनी दी थी कि उनके प्लेटफॉर्म को खतरनाक कंटेंट को नियंत्रित करने के लिए ज्यादा संसाधन आवंटित करने की जरूरत है. ट्विटर के टेकओवर के बाद मस्क खर्च कम करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे थे.
कानूनों की शृंखला
सितंबर 2023 में ईयू बड़ी टेक कंपनियों को ज्यादा पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए एक और कदम उठाने जा रहा है. ईयू बताएगा कि किन टेक कंपनियों को नए डिजिटल मार्केट्स ऐक्ट (डीएमए) के अंतर्गत ज्यादा सख्त प्रतिद्वंद्विता कानूनों का पालन करना होगा. इस सिलसिले में पिछले महीने ईयू ने ऐमाजॉन, ऐपल, टिकटॉक की मालिक बाइटडांस, गूगल, मेटा, माइक्रोसॉफ्ट और सैमसंग समेत कुछ कंपनियों की एक सूची जारी की थी. इन्हें "गेटकीपर्स" कहा गया.
इस दर्जे का मतलब है कि इन कंपनियों को कुछ अतिरिक्त नियमों का पालन करना होगा. मसलन, फोन बेचते समय उनमें कौन से ऐप्स पहले से इंस्टॉल हैं, इसे कंपनियां बस अपने हिसाब से नियंत्रित नहीं कर सकेंगी. डीएमए का उल्लंघन करने पर कंपनियों के ऊपर उनके वैश्विक राजस्व का 10 फीसदी तक जुर्माना लगाया जा सकता है.
इससे पहले ईयू 2018 में भी टेक फर्मों के कामकाज और शैली को रेगुलेट करने के लिए जीडीपीआर डेटा प्रिवेसी कानून लाया था. अभी ईयू आर्टिफिशल इंटेलिजेंस को रेगुलेट करने के लिए एक कानून लाने की तैयारी में है.
एसएम/ओएसजे (एएफपी)