अल सल्वाडोर में कैदियों का 'मेगा ट्रांसफर'
लैटिन अमेरिकी देश अल सल्वाडोर में हजारों लोगों को सरकार ने एक नई विशाल जेल में ट्रांसफर किया है. सरकार को इन लोगों पर आपराधिक गैंग के सदस्य होने का संदेह है.
रिकॉर्ड संख्या
सेंट्रल अमेरिका के सबसे छोटे देश अल सल्वाडोर की सरकार के इस कदम से वहां की जेलों में कैदियों की तादाद अचानक बहुत बढ़ गई है.
अपराध पर नियंत्रण का वादा
अल सल्वाडोर के राष्ट्रपति नायिब बुकेले ने ट्विटर पर लिखा, "अब यही इनका नया घर होगा, जहां से ये आम लोगों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा पाएंगे."
कहां से आए इतने कैदी
इन नई जेल में करीब 40,000 कैदियों को रखा जा सकता है. पहली खेप में कई आपराधिक गुटों से जुड़े 2,000 के करीब आरोपी पहुंचाए गए.
अद्भुत नजारा
राष्ट्पति बुकेले ने एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें बड़ी तादाद में कैदी नजर आए. सफेद शॉर्ट्स पहने उन लोगों के सिर मुंडे हुए थे और ज्यादातर के शरीर पर टैटू थे.
कैसे उठा नाटकीय कदम
देश में बढ़ते गंभीर अपराधों पर लगाम कसने के लिए राष्ट्रपति बुकेले ने एक साल पहले संसद में विशेष प्रस्ताव पास करा कर गैंगों पर कड़ी कार्रवाई का रास्ता खोल लिया था.
कितनों को किया अंदर
तब से अब तक 64,000 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है. यह गिरफ्तारियां बिना किसी वॉरंट के की गईं और आरोपियों को वकील मिलने का अधिकार भी नहीं है.
मानवाधिकार संगठनों का विरोध
चूंकि इस पूरी कार्रवाई में आरोपियों को अपने बचाव में कुछ भी करने का हक नहीं था, इसलिए मानवाधिकार समर्थक इसे गलत बताते हैं. दर्जनों कैदियों की पुलिस हिरासत में मौत हो गई.