घर को बना दिया लाइब्रेरी तो उमड़ पड़े बच्चे
मिस्र में एक छोटे से गांव में पढ़ने की ऐसी ललक होगी, मोहम्मद अब्देल अजीज फातेह ने सोचा भी नहीं था.
हर कोने में किताबें
जैगाजिग गांव के फातेह के घर के हर खाली कोने में अब बच्चे किताबें पढ़ते नजर आते हैं.
बच्चों के लिए
फातेह ने अपने घर को लाइब्रेरी बनाने के बारे में तब सोचा, जब उन्हें लगा कि गांव के बच्चों के लिए किताबों की सुविधा नहीं है.
हफ्ते में 5 किताबें
34 साल के फातेह शहर में एक सरकारी लाइब्रेरी में काम करते हैं. अपने घर में उन्होंने मुफ्त लाइब्रेरी बनायी है जहां बच्चे एक हफ्ते में 5 किताबें उधार ले सकते हैं.
2,000 किताबें
इस काम में दो स्थानीय पुस्तकालयों ने उनकी मदद की है और उन्हें 2,000 किताबें उपलब्ध करायी हैं.
500 सदस्य
अब आसपास के गांवों से भी बच्चे उनके घर आते हैं. हर हफ्ते 20 साल तक के करीब 500 लोग इस सुविधा का फायदा उठा रहे हैं.
सबके लिए सबक
किताबों के अलावा बच्चों के लिए लिखने, पेंटिंग, शतरंज आदि खेलने की सुविधा भी है. बड़ों के लिए मार्केटिंग, कंप्यूटर और साइंस के कुछ कोर्स दिये जा रहे हैं.
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