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कोरोना की नई लहर से लड़ने को कितना तैयार भारत

२७ दिसम्बर २०२२

एक ओर जहां कोरोना की मार से चीन का बुरा हाल है वहीं भारत ने संभावित नई लहर से बचने के लिए मंगलवार को कोविड अस्पतालों में मॉक ड्रिल किया.

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राजधानी दिल्ली के एक अस्पताल का दृश्य
राजधानी दिल्ली के एक अस्पताल का दृश्यतस्वीर: DW

मंगलवार को भारत के तमाम राज्यों के अस्पतालों में कोरोना से निपटने की तैयारियों को परखने के लिए मॉक ड्रिल की गई. चीन और अन्य देशों में कोविड के तेजी से पैर फैलाने के बाद भारत ने भी अपने यहां कड़ाई से कोरोना से निपटने की तैयारियां शुरू कर दी हैं.

चीन में कोविड के बढ़ते मामलों को लेकर भारत में चिंता

इसी कड़ी में मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल का दौरा कर कोविड प्रबंधन और तैयारियों का जायजा लिया. कई देशों में कोविड के बढ़ते मामलों के बीच, केंद्र ने सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों को आज के दिन सभी स्वास्थ्य सुविधाओं पर मॉक ड्रिल आयोजित करने के लिए कहा था.

कितने तैयार अस्पताल

मांडविया ने अस्पताल का दौरा करने के बाद कहा कि आज देश के सभी कोविड अस्पतालों में मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है ताकि लोगों को उचित इलाज मिले. अगर देश में मामले बढ़ते हैं तो सरकार महामारी से लड़ने की भी तैयारी कर रही है.

मांडविया ने कहा कि कोविड से निपटने के लिए उपकरण, दवाइयां और मानव संसाधन का तैयार रहना बेहद जरूरी है. उन्होंने महामारी से बचने के लिए कोविड मानकों का पालन करने और भ्रामक जानकारियों से बचने की भी सलाह दी.

हालांकि एक मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि कोविड मॉक ड्रिल के दौरान तैयारियां अधूरी मिलीं. हिंदी अखबार दैनिक भास्कर ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि राजस्थान के अजमेर स्थित जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय में ऑक्सीजन प्लांट बंद मिला, जिसे जल्द शुरू करने के निर्देश दिए गए. वहीं दूसरी तरफ, भोपाल के जिला अस्पताल में मॉक ड्रिल के दौरान ऑक्सीजन प्लांट में डेढ़ महीने से बिजली बंद होने की बात सामने आई है. दोनों ही मामलों में अस्पताल की ओर सफाई नहीं दी गई है.

इससे पहले राज्यों को लिखे पत्र में केंद्र सरकार ने निर्देश दिया था कि इस अभ्यास के दौरान, सभी जिलों को कवर करने वालीं स्वास्थ्य सुविधाओं की प्रतिनिधि उपलब्धता, आइसोलेशन बेड जैसी क्षमता, ऑक्सीजन सपोर्ट आइसोलेशन बेड, आईसीयू बेड और वेंटिलेटर सपोर्ट बेड और ह्यूमन रिसोर्स की सर्वोतम उपलब्धता पर ध्यान दिया जाना चाहिए.

देश में कोरोना की स्थिति क्या है

कोविड के मामलों की बात की जाए तो देश में पिछले 24 घंटे में किसी भी कोरोना मरीज की मौत नहीं हुई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक मंगलवार सुबह तक 220.06 करोड़ से अधिक कोरोना वैक्सीन दी जा चुकी है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में कोरोना के सक्रिय मामलों में बढ़ोतरी हुई है, जिस कारण अब इनकी संख्या बढ़कर 3,421 हो गई है. देश में पिछले 24 घंटे में 11 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेश में कोरोना के नए मामले सामने आए हैं और अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इनकी संख्या में कमी आई है.

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नाक के जरिए दी जाने वाली कोरोना वैक्सीन

इस बीच देश में वैक्सीन निर्माता भारत बायोटेक की कोविड-19 के लिए नेजल वैक्सीन जल्द ही बूस्टर डोज के रूप में पेश की जाएगी. इस वैक्सीन का नाम iNCOVACC है और इसकी कीमत निजी अस्पतालों में 800 रुपये तय की गई है. सरकारी अस्पताल में यह 325 रुपये में मिलेगी.

iNCOVACC को 18 साल से अधिक आयु वालों के लिए बूस्टर शॉट के रूप में पेश किया जा रहा है. इस नेजल वैक्सीन को लेने के लिए कोविन ऐप पर बुकिंग की जा सकेगी. आम तौर पर कोरोना की वैक्सीन शरीर पर इंजेक्शन द्वारा दी जाती है लेकिन iNCOVACC की बूंदें सीधे नाक में डाल दी जाएंगी और इससे लोग घबराएंगे नहीं.

भारत बायोटेक ने कहा कि प्राथमिक दो-खुराक अनुसूची के लिए अनुमोदन प्राप्त करने वाली यह दुनिया की पहली इंट्रानेजल वैक्सीन है और इसका इस्तेमाल बूस्टर खुराक के रूप में भी किया जाएगा.

भारत बायोटेक ने कहा कि iNCOVACC को वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी, सेंट लुइस के साथ साझेदारी में विकसित किया गया है. इसने रिकॉम्बिनेंट एडेनोवायरल वेक्टर्ड कंस्ट्रक्शन को डिजाइन और विकसित किया था और प्रभावकारिता के लिए प्रीक्लिनिकल स्टडीज में मूल्यांकन किया था.

भारत में अभी लोगों को सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और कोवोवैक्स, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन, रूसी वैक्सीन स्पूतनिक वी और स्वदेशी कॉर्बेवैक्स वैक्सीन दी जा रही है.