दुनिया के सबसे बड़े उत्सर्जकों में है भारत सरकार की एक कंपनी
एक नई रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में 2016 के बाद से अभी तक हुए कुल कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में अधिकांश के लिए सिर्फ 57 उत्पादक जिम्मेदार हैं. इस सूची में भारत सरकार की एक जानी मानी कंपनी का नाम भी शामिल है.
सिर्फ 57 उत्पादक
गैर-लाभकारी संगठन "इन्फ्लुएंसमैप" की एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में 2016 के बाद से अभी तक हुए कुल कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में अधिकांश के लिए सिर्फ 57 जीवाश्म ईंधन और सीमेंट के उत्पादक जिम्मेदार हैं. रिपोर्ट का नाम "कार्बन मेजर्स" है.
80 प्रतिशत योगदान
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक इस सूची में कुछ देश, सरकारी कंपनियों और निवेशकों के स्वामित्व वाली कंपनियों समेत 57 उत्पादक शामिल हैं. 2016 से 2022 के बीच दुनिया के कुल कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में 80 प्रतिशत योगदान इन सबका ही रहा.
अरामको
अरामको सऊदी अरब की राष्ट्रीय तेल कंपनी है. इसे राजस्व के लिहाज से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी माना जाता है. "कार्बन मेजर्स" रिपोर्ट के मुताबिक यह दुनिया की सबसे बड़ी उत्सर्जक कंपनी है.
गैजप्रॉम
रिपोर्ट में रूसी बहुराष्ट्रीय कंपनी गैजप्रॉम दूसरे नंबर पर है. रूस की सरकार के पास इस कंपनी की सबसे ज्यादा हिस्सेदारी है. इसे शेयर बाजार में लिस्टेड दुनिया की सबसे बड़ी प्राकृतिक गैस कंपनी के रूप में जाना जाता है.
कोल इंडिया
रिपोर्ट में गैजप्रॉम के बाद स्थान है भारत की कोयला कंपनी "कोल इंडिया" का. इस पर पूरी तरह से भारत सरकार का स्वामित्व है. इसे दुनिया के सबसे बड़े सरकारी कोयला उत्पादक के रूप में जाना जाता है.
ताक पर पेरिस समझौता
रिपोर्ट के मुताबिक 2015 में संयुक्त राष्ट्र के पेरिस समझौते पर दुनिया भर के देशों के हस्ताक्षर करने के बाद अधिकांश कंपनियों ने अपने जीवाश्म ईंधन उत्पादन को घटाने की जगह बढ़ा दिया है. तब से कई सरकारों और कंपनियों ने उत्सर्जन के कड़े लक्ष्य तय किए हैं, लेकिन उन्होंने पहले से ज्यादा जीवाश्म ईंधन बनाए और जलाए हैं. इससे उत्सर्जन बढ़ा है.