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चांद पर घर बनाने के लिए 3डी तकनीक विकसित कर रहा है चीन

२५ अप्रैल २०२३

चीन ऐसी तकनीक विकसित कर रहा है जिससे थ्रीडी प्रिंटिंग के जरिए चांद पर इमारतें खड़ी की जा सकें. चीन के सरकारी अखबार चाइना डेली ने सोमवार को इस बारे में एक रिपोर्ट प्रकाशित की.

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बीजिंग एयरोस्पेस कंट्रोल सेंटर
बीजिंग एयरोस्पेस कंट्रोल सेंटरतस्वीर: Liu Fang/Xinhua/IMAGO

चीन ऐसी तकनीक विकसित कर रहा है जो चांद पर इमारतें बनाने के काम आएगी. इसके लिए चीन थ्रीडी प्रिंटिंग का सहारा ले रहा है. 2020 में उसने ‘चांग्स5' नाम का चंद्रयान भेजा था. चैंग चीन के एक पौराणिक देवता का नाम है, जिसके नाम पर चीन ने अपने इस मिशन का नाम रखा. 2013 में चीन ने पहली बार अपना यान चंद्रमा पर उतारा था और उसका इरादा है कि 2030 तक अपने लोगों को वहां भेजेगा.

चैंग्स-8 की तैयारी

तब तक चीन चैंग्स मिशन के तहत तीन और यान भेज चुका होगा. इन अभियानों के तहत चांद पर लंबे समय तक रहने की संभावनाओं को तलाशा जाएगा. चाइना स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन में वैज्ञानिक वेईरेन के हवाले से चाइना डेली ने लिखा है कि चैंग्स 8 के तहत चीन के वैज्ञानिक चांद की परिस्थितियों और वहां की खनिज संरचना का अध्ययन करेंगे और यह समझने की कोशिश करेंगे कि थीडी प्रिंटिंग जैसी तकनीक चांद के धरातल पर कितनी सफल होंगी.

फिर चांद छू लेने की नासा की कोशिश, आर्टेमिस की शुरुआत आज

वू ने अखबार को बताया, "अगर हमें लंबे समय तक चांद पर रहना है तो हमें वहीं उपलब्ध सामग्रियों के इस्तेमाल से वहां केंद्र स्थापित करने होंगे.” इसी महीने चीन के अन्य अखबारों ने खबरें छापी थीं कि अंतरिक्ष में तेजी से पांव पसारता चीन पांच साल के भीतर चांद की मिट्टी के प्रयोग से एक केंद्र का निर्माण शुरू करने का इरादा रखता है. इसके लिए चैंग्स-8 मिशन में एक रोबोट को चांद पर भेजा जाएगा जो चांद की मिट्टी का इस्तेमाल करके ईंटें बनाएगा. चाइनीज अकैडमी ऑफ इंजीनियरिंग के मुताबिक यह मिशन 2028 के आसपास भेजा जाएगा.

चांद पर जाने की होड़

चांद पर केंद्र स्थापित करने की होड़ काफी आगे बढ़ चुकी है. हाल के सालों में अमेरिका और यूरोप के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने भी इस दिशा में काफी प्रगति की है. इसी महीने अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने चार अंतरिक्ष यात्रियों के नामों का ऐलान किया था जिन्हें 2024 में आर्टेमिस 2 यान के जरिये चांद पर भेजा जाएगा. हालांकि ये यात्री चांद पर उतरेंगे नहीं बल्कि उसकी कक्षा तक जाएंगे और अगले मिशन पर अंतरिक्ष यात्रियों के चांद पर उतरने के लिए हालात का जायजा लेंगे.

आर्टेमिस-3 मिशन में नासा इंसान को चांद पर उतारने की योजना बना रहा है. यह मिशन इस दशक के आखिर तक भेजा जाना है लेकिन इसके लिए आवश्यक सामग्री अब तक उपलब्ध नहीं है और इस पर काम किया जा रहा है. अमेरिकी वैज्ञानिक पिछले करीब एक दशक से मानव को चांद पर भेजने पर काम कर रहे हैं. आर्टेमिस अभियान को इसी मकसद से स्थापित किया गया था कि निकट भविष्य में चांद पर एक केंद्र स्थापित किया जा सके ताकि अंतरिक्ष यात्री वहां रह सकें और शोध कर सकें. इसके जरिए मंगल तक जाने का रास्ता तैयार करने का इरादा है.

वीके/सीके (रॉयटर्स, एपी)

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