जलवायु परिवर्तन झेलने वाले आलू उगा रहा है चीन
चीन में वैज्ञानिक आलू की ऐसी फसल खोज रहे हैं जो जलवायु परिवर्तन को झेल सके. जिस तरह धरती का तापमान बढ़ रहा है, उससे ऐसी फसलों की जरूरत बढ़ रही है.
गर्मी में उगाया गया छोटा आलू
बीजिंग की लैब में वैज्ञानिकों ने ऐसे आलू उगाए हैं जो ज्यादा तापमान में भी पैदा हो सकते हैं. ये आलू सिर्फ 136 ग्राम के हैं, जो चीन के औसत आलू से आधे वजन के हैं.
चीन आलू का सबसे बड़ा उत्पादक
चीन दुनिया में सबसे ज्यादा आलू उगाता है. आलू का उत्पादन फसल की ऊंची पैदावार के कारण खाने की सुरक्षा के लिए अहम है.
गर्मी से आलू को खतरा
आलू गर्मी के प्रति बेहद संवेदनशील होते हैं. जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ते तापमान, सूखा और बाढ़ इनकी पैदावार को प्रभावित कर रहे हैं.
रिसर्च के नतीजे
इंटरनेशनल पोटैटो सेंटर (सीआईपी) की रिसर्च में पाया गया कि 3 डिग्री सेल्सियस ज्यादा तापमान पर आलू 10 दिन पहले उगने लगते हैं, लेकिन पैदावार 50 फीसदी से भी ज्यादा घट जाती है.
भविष्य में तापमान का खतरा
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, 2100 तक तापमान औद्योगिक युग से पहले के मुकाबले 3.1 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है. यह तापमान आलू की फसल के लिए बेहद नुकसानदायक होगा.
किसानों पर असर
चीन के किसान पहले ही भारी बारिश और बीमारियों से जूझ रहे हैं. इन कारणों से फसल की कटाई धीमी हो रही है. इसलिए ऐसी फसल की जरूरत बढ़ रही है, जो जलवायु परिवर्तन को झेल सके.
लेट ब्लाइट बीमारी का खतरा
गर्म और नम मौसम में लेट ब्लाइट जैसी नई और ज्यादा खतरनाक बीमारियां फैल रही हैं, जिन्हें रोकना मुश्किल हो रहा है.
तुरंत बदलाव की जरूरत
वैज्ञानिकों का कहना है कि किसानों को अगले 10 साल में बुआई का समय बदलना होगा या ऊंचाई वाले इलाकों में खेती करनी होगी. अगर ऐसा न हुआ, तो आलू की पैदावार घटेगी और कीमतें बढ़ सकती हैं. वीके/सीके (रॉयटर्स)