पेंटागन की रिपोर्ट: चीन ने एलएसी पर बनाईं सड़कें और हेलिपैड
२३ अक्टूबर २०२३पेंटागन की "मिलिट्री एंड सिक्यूरिटी डेवलेपमेंट्स इनवॉल्विंग द पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना" रिपोर्ट में कहा गया है कि डोकलाम के पास अंडरग्राउंड स्टोरेज, पैंगोंग झील पर दूसरा पुल और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास एयरपोर्ट और हैलिपैड का निर्माण, नयी सड़कें, पड़ोसी भूटान में विवादित क्षेत्रों में नए गांव शामिल हैं.
पेंटागन की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चीन ने सीमा पर सैन्य बलों की तैनाती बढ़ा दी है. रिपोर्ट के मुताबिक, "2022 में, चीन ने एलएसी के पश्चिमी क्षेत्र में रिजर्व में चार संयुक्त हथियार ब्रिगेड (सीएबी) के साथ झिंजियांग और तिब्बत सैन्य जिलों के दो डिवीजनों द्वारा समर्थित एक सीमा रेजिमेंट तैनात की. चीन ने अन्य थिएटर कमांड से पूर्वी क्षेत्र में तीन हल्के से मध्यम सीएबी और एलएसी के मध्य क्षेत्र में अतिरिक्त तीन सीएबी भी तैनात किए हैं. हालांकि हल्के सीएबी के कुछ तत्व अंततः पीछे हट गए, लेकिन तैनात बलों का अधिकांश हिस्सा एलएसी पर यथावत बना हुआ है.''
बढ़ती गतिविधियां
"मिलिट्री एंड सिक्यूरिटी डेवलेपमेंट्स इनवॉल्विंग द पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना" रिपोर्ट 2023 में कहा है कि मई 2020 की शुरुआत से भारत-चीन सीमा पर तनाव ने पश्चिमी थिएटर कमांड का ध्यान आकर्षित किया है.
भारत और चीन मई 2020 से एलएसी के साथ पूर्वी लद्दाख में कई बिंदुओं पर गतिरोध पर हैं. संकट तब और बढ़ गया जब गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच आमने-सामने की लड़ाई हुई, जिसमें कम से कम 24 सैनिकों की मौत हो गई. चार दशकों में एलएसी पर यह पहली घातक लड़ाई थी.
तब से दोनों पक्ष सैन्य-स्तरीय और विदेशी कार्यालय-नेतृत्व वाली वार्ता के कई दौर में मिल चुके हैं. भारत और चीन दोनों ने लगभग चार बिंदुओं पर सैनिकों की वापसी की है. सबसे ताजा पिछले साल गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स में थी. हालांकि, डेमचोक और देपसांग स्प्रिंग्स में शेष बिंदुओं पर समझौता करना कठिन साबित हो रहा है.
बुनियादी ढांचे को मजबूत कर रहा चीन
चीन बीते कुछ साल से सीमा पर अपने बुनियादी ढांचे को लगातार मजबूत करता रहा है. पूर्वोत्तर में उसने सीमा से 20 किलोमीटर के दायरे में बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य किया है. उसने हवाई, रेल और सड़क नेटवर्क का विस्तार करने के साथ ही तिब्बत में बुलेट ट्रेन भी चला दी है. यह ट्रेन अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती कस्बे निंग्ची तक जाती है. भारत और चीन के बीच सीमा विवाद वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 3,488 किलोमीटर लंबे इलाके में है.
पेंटागन की रिपोर्ट के मुताबिक चीन के पास 500 से अधिक सक्रिय परमाणु हथियार हैं और 2030 तक एक हजार से अधिक हो जाएंगे.
रिपोर्ट: आमिर अंसारी