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मसूद अजहर के भाई रऊफ पर यूएन बैन का प्रस्ताव चीन ने रोका

११ अगस्त २०२२

बुधवार को चीन ने अमेरिका और भारत द्वारा आतंकवादी संगठन जैश ए मोहम्मद के उप-प्रमुख पर प्रतिबंध लगाने की कोशिशों की राह रोक दी. सुरक्षा परिषद में चीन ने इस प्रस्ताव का विरोध किया.

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संयुक्त राष्ट्र प्रतीकात्मक तस्वीर
संयुक्त राष्ट्र प्रतीकात्मक तस्वीरतस्वीर: Ed Jones/AFP/Getty Images

पाकिस्तान के साथ दोस्ती निभाते हुए चीन ने जैश ए मोहम्मद के उप-प्रमुख अब्दुल रऊफ अजहर पर प्रतिबंधों के प्रस्ताव को रोक दिया. जैश ए मोहम्मद संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकी संगठन है और उसके उप-प्रमुख अजहर पर अमेरिका ने 2010 से ही प्रतिबंध लगाए हुए हैं.

भारत का आरोप है कि अजहर भारत में कई बड़े आतंकवादी हमलों की साजिश रचने में शामिल रहा है. इनमें 1999 में एयर इंडिया के विमान का अपहरण, 2001 में भारतीय संसद पर हुआ हमला और 2016 का पठानकोट वायुसेना बेस पर हुआ आतंकवादी हमला भी शामिल है.

जून में चीन ने लश्कर ए तैयबा के आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को संयुक्त राष्ट्र की ब्लैक लिस्ट में डालने के प्रस्ताव को भी रोक दिया था. लश्कर ए तैयबा भी यूएन की प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की सूची में शामिल है और मक्की पर अमेरिका में 2010 से ही प्रतिबंध लगे हुए हैं.

भारत का आरोप है कि मक्की भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए युवाओं को प्रशिक्षण देने से लेकर धन उगाहने तक कई तरह की गतिविधियों में शामिल है. इसके अलावा उसने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों की योजना में भी भूमिका अदा की थी.

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पाकिस्तान की आतंकवाद-रोधी एजेंसी का कहना है कि उसकी सरकार ने 65 उग्रवादी संगठनों को गैरकानूनी घोषित कर रखा है जिनमें जैश ए मोहम्मद और लश्कर ए तैयबा का नाम भी है. इसके बावजूद इन संगठनों से जुड़े लोगों को प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव चीन ने रोक दिया.

संयुक्ता राष्ट्र में चीनी मिशन के प्रवक्ता ने बताया कि यह प्रस्ताव इसलिए रोका गया क्योंकि चीन को "अध्ययन करने के लिए ज्यादा समय की जरूरत है.” प्रवक्ता ने अनाधिकृत रूप से कहा कि यह कोई अनोखा मामला नहीं है क्योंकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंधों की निगरानी करने वाली समिति ऐसी अस्थायी रोक की इजाजत देती है और पहले भी कमेटी मेंबर इस तरह की अस्थायी रोक लगवा चुके हैं.

उधर, यूएन में अमेरिकी मिशन के एक प्रवक्ता ने बताया कि अमेरिका अन्य देशों की "उपलब्ध कराए गए सबूतों को अपने मानकों पर परखने और उन्हें सत्यापित करने की जरूरत का सम्मान करता है.” अमेरिकी प्रवक्ता ने कहा, "हम इस कमेटी की अहमियत पर पूरा यकीन रखते हैं जो आईएसआईएस, अल कायदा और उनके सहयोगियों की अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण के लिए आवश्यक है. अमेरिका अपने सुरक्षा परिषद के साझीदारों के सहयोग का भी सम्मान करता है ताकि अराजनीतिक रूप से इस तरीके (समिति) का इस्तेमाल आतंकवादियों को वैश्विक व्यवस्था का अपने कुत्सित कार्यों के लिए करने से रोका जा सके.”

कौन है रऊफ अजहर?

अब्दुल रऊफ अजहर बहुत ज्यादा सुर्खियों में नहीं रहा है. वह जैश ए मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर का छोटा भाई है. मसूद अजहर को मुंबई हमलों समेत भारत में हुए कई आतंकवादी हमलों का मुख्य साजिशकर्ता माना जाता है और फिलहाल वह पाकिस्तान में नजरबंद है.

अपने बड़े भाई की गैरमौजूदगी में जैश ए मोहम्मद का कामकाज उसका डिप्टी बनकर अजहर ही देख रहा है. पिछले साल अगस्त में जब तालिबान ने काबुल पर कब्जा किया था तो उसके बाद अजहर ने मुल्ला बिरादर और अन्य तालिबानी नेताओं को बधाई दी थी. मीडिया रिपोर्ट्स थीं कि वह मुल्ला उमर के बेटे तालिबान के सैन्य प्रमुख मुल्ला मोहम्मद याकूब से भी मिला था.

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भारत का कहना है कि रऊफ अजहर ने ही 1999 में इंडियन एयरालइंस की उड़ान आईसी-814 के अपहरण की साजिश रची थी. इसी विमान को छुड़ाने की एवज में भारत ने कश्मीर में एक जेल में बंद मसूद अजहर समेत तीन आतंकवादियों को छोड़ा था. ऐसा कहा जाता है कि रऊफ ने तालिबान के साथ मिलकर ही अपहरण का यह पूरा कांड रचा था. अफगानिस्तान पर तालिबान का शासन था और विमान को अपहरण कर कंधार ले जाया गया था.

रिपोर्टः विवेक कुमार (रॉयटर्स)