अंतरिक्ष की अभूतपूर्व तस्वीरें लेगा दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल कैमरा
चिली के खगोल वैज्ञानिक दुनिया के सबसे बड़े डिजिटल कैमरे की मदद से ब्रह्मांड के रहस्यों पर से पर्दा उठाना चाहते हैं. उन्हें उम्मीद है कि एक गाड़ी के आकार का यह कैमरा ऐसी तस्वीरें ले पाएगा जो पहले कभी नहीं ली गईं.
दुनिया का सबसे बड़ा कैमरा
रेगिस्तानी पहाड़ों और साफ नीले आसमान से घिरी उत्तरी चिली की वेरा सी रुबिन वेधशाला के खगोल वैज्ञानिक ब्रह्मांड के अध्ययन में क्रांति लाने की उम्मीद कर रहे हैं. इसके लिए उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े डिजिटल कैमरे को एक दूरबीन से जोड़ा है.
बड़ा बदलाव
स्टुअर्ट कॉर्डर 8,200 फुट ऊंचे 'सेरो पांचों' पहाड़ के ऊपर स्थित इस वेधशाला को चलाने वाले अमेरिकी शोध केंद्र नोआरलैब के डिप्टी निदेशक हैं. अगर वह सफल रहे तो चिली की राजधानी सैंटियागो से 560 किलोमीटर दूर उत्तर की तरफ स्थित यह वेधशाला "खगोल शास्त्र में एक मूलभूत बदलाव" ले कर आएगी.
नई नजर से अंतरिक्ष
यह उपकरण एक छोटी गाड़ी जितना बड़ा है और इसका वजन है 2.8 टन. अमेरिका द्वारा फंडेड इस परियोजना के प्रतिनिधियों ने बताया कि इससे अंतरिक्ष के बारे में ऐसी जानकारी मिलेगी जो पहले कभी नहीं मिली. उम्मीद की जा रही है कि 80 करोड़ डॉलर का यह कैमरा 2025 की शुरुआत में अपनी पहली तस्वीरें लेगा. यह हर तीसरे दिन तस्वीरें लेगा और वो तस्वीरें इतनी बारीक होंगी जितनी पहली कभी नहीं देखी गईं.
विशालकाय तस्वीरें
यह कैमरा 3,200 मेगापिक्सल पर तस्वीरें ले सकेगा, जिसकी वजह से यह तस्वीरें इतनी विशालकाय होंगी कि ऐसी सिर्फ एक तस्वीर को देखने के लिए 300 से ज्यादा मध्यम आकार के हाई रेसोल्यूशन टेलीविजनों की जरूरत होगी. कलिफोर्निया में बनाये गए इस उपकरण की क्षमता दुनिया के सबसे शक्तिशाली कैमरा - जापान में स्थित 870 मेगापिक्सल वाले हाइपर सुप्रीम-कैम - से तीन गुना ज्यादा है.
पहला लक्ष्य
नए कैमरे का पहला लक्ष्य होगा आसमान की 10 साल की एक समीक्षा को पूरा करना. इसे 'लिगेसी सर्वे ऑफ स्पेस एंड टाइम (एलएसएसटी)' कहते हैं और शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि इससे दो करोड़ आकाशगंगाओं, 17 अरब सितारों और अंतरिक्ष में स्थित 60 लाख अन्य पिंडों के बारे में जानकारी पर से पर्दा उठेगा.
एक साथ कई सितारे
चिलियन सोसाइटी ऑफ एस्ट्रोनॉमी (सोचियास) के अध्यक्ष ब्रूनो डीएस का कहना है कि इस उपकरण की मदद से शोधकर्ता "एक समय में एक सितारे के अध्ययन और उसके बारे में गहराई से जानने की जगह एक बार में हजारों सितारों का अध्ययन" कर पाएंगे.
चिली में आगे बढ़ता खगोल विज्ञान
इस परियोजना से खगोलीय अध्ययन में चिली की प्रमुखता और मजबूत होगी. सोचियास के मुताबिक, दुनिया की सबसे शक्तिशाली दूरबीनों में से एक तिहाई चिली में ही हैं और इस यह दुनिया के उन देशों में भी शामिल है जहां आसमान सबसे ज्यादा साफ नजर आता है.
चिली का कोई मुकाबला नहीं
मानवता की सबसे महत्वपूर्ण खगोलीय खोजों में से कई 'सेरो तोलोलो' वेधशाला में ही हुई हैं. सोचियास के प्रमुख डीएस का कहना है कि हालांकि अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, चीन और स्पेन समेत कई दुनिया के कई देशों में महत्वपूर्ण वेधशालाएं खुली हैं, लेकिन खगोल विज्ञान की दुनिया में "चिली का कोई कोई मुकाबला" नहीं है. (यूली हुएनकेन)