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राजनीतिसंयुक्त राज्य अमेरिका

अमेरिका में पैसिफिक आईलैंड्स फोरम की दूसरी बैठक

२५ सितम्बर २०२३

अमेरिका में प्रशांत महासागर के 18 छोटे-बड़े देशों की दूसरी बैठक हो रही है. इस दौरान कई बड़े ऐलान होने का अनुमान है. अमेरिका में छोटे देशों के नेताओं की खूब खातिरदारी हो रही है

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पैसिफिक आईलैंड्स
पैसिफिक आईलैंड्स फोरम की तैयारीतस्वीर: Adek Berry/AFP

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन इस हफ्ते 18 सदस्यों वाली पैसिफिक आइलैंड फोरम में हिस्सा लेंगे और प्रशांत महासागर के छोटे देशों में चीन के बढ़ते प्रभाव को कम करने की कोशिश करेंगे. इसके लिए अमेरिका ने कई लुभावने तोहफे भी तैयार किये हैं जिनमें अमेरिकन फुटबॉल के अनुभव से लेकर चमचमाते नये दूतावास तक शामिल हैं.

सोमवार और मंगलवार को होने वाली पैसिफिक आईलैंड फोरम का यह दूसरा साल है. पिछले साल भी यह बैठक वॉशिंगटन में हुई थी. अमेरिकी सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक बाइडेन इस दौरान अमेरिकी पक्ष को पुरजोर तरीके से पेश करेंगे और कई योजनाओं का ऐलान करेंगे जिनमें इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट, महासागरीय सहयोग और खासतौर पर अवैध रूप से मछली पकड़ने के लिए नये कदम उठाया जाना शामिल है.

प्रशांत महासागर में ऑस्ट्रेलिया और उसके इर्द-गिर्द छोटे द्वीपों वाले 18 देश इस फोरम का हिस्सा हैं, जिनमें कुछ देश तो बहुत ही छोटे हैं. व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने नाम ना छापने की शर्त पर कहा, "बेशक इसमें चीन की भूमिका भी है. चीन का प्रभाव और हठधर्मिता, खासकर इस क्षेत्र पर हमारे रणनीतिक रूप से ध्यान देने की एक वजह रही है.”

सोलोमन आईलैंड्स ने दिया झटका

इस क्षेत्र में चीन का प्रभाव किस तेजी से बढ़ रहा है, उसकी एक मिसाल सोलोमन आईलैंड्स के प्रधानमंत्री की फोरम में गैरमौजूदगी है. पिछले कुछ समय में सोलोमन आईलैंड्स की चीन से करीबी बढ़ी है.

वहां के प्रधानमंत्री मनाशे सोगावारे पिछले हफ्ते ही संयुक्त राष्ट्र की सालाना बैठक में हिस्सा लेने न्यूयॉर्क गये थे लेकिन वह फोरम के लिए नहीं रुके. इस बात से अमेरिका में निराशा है.

व्हाइट हाउस के एक अन्य अधिकारी ने कहा, "इस बात से हमें निराशा हुई है कि उन्होंने इस बहुत खास सम्मेलन में शामिल ना होना का फैसला किया है.”

फोरम के दौरान मार्शल आईलैंड्स के साथ ‘कॉम्पैक्टस ऑफ फ्री एसोसिएशन' समझौते की नयी शर्तों पर भी बात होनी है. यह समझौता आने वाले शनिवार को खत्म हो रहा है. अमेरिका का इस तरह का समझौता माइक्रोनीजिया और पलाऊ के साथ भी है. ये सभी इलाके पहले अमेरिकी सरकार के तहत आते थे. समझौते के तहत अमेरिका को वहां अपनी सेना रखने का अधिकार मिलता है. बदले में अमेरिका इन देशों को आर्थिक मदद और सुरक्षा की गारंटी मुहैया कराता है. साथ ही इन देशों के लोग अमेरिका में रह सकते हैं और काम कर सकते हैं.

मार्शल आईलैंड्स चाहता है कि नये समझौते में 1940 और 1950 के दशक में अमेरिका द्वारा किये गये परमाणु परीक्षणों के प्रभाव का मुआवजा भी शामिल हो. व्हाइट हाउस के अधिकारियों का कहना है कि सम्मेलन के दौरान बाइडेन इस बात का ऐलान कर सकते हैं कि समझौते की वार्ता में खासी प्रगति हुई है.

यह सम्मेलन इसलिए भी खास है क्योंकि मई में अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन पैसिफिक नेताओं की बैठक में शामिल होने पापुआ न्यू गिनी जाने वाले थे लेकिन आखिरी वक्त में उन्होंने अपना दौरा रद्द कर दिया था. तब अमेरिका में कर्ज की सीमा बढ़ाने को लेकर राजनीतिक संकट उठ खड़ा हुआ था, जिस कारण बाइडेन ने ऑस्ट्रेलिया में होने वाली क्वॉड बैठक और पापुआ न्यू गिनी का दौरा टाल दिया था.

बढ़िया खातिरदारी

ऐसा माना जा रहा है कि बाइडेन अब उस बार की भरपाई की कोशिश करेंगे. अमेरिकी प्रशासन ने वॉशिंगटन में पैसिफिक देशों के नेताओं की खातिरदारी की खूब तैयारी की है. रविवार को ये नेता ट्रेन से बाल्टिमोर गये जहां वे रेवन्स और इंडियानापोलिस कोल्ट्स टीमों के बीच हुए एनएफएल मैच में खास मेहमान थे.

सोमवार दोपहर को ये नेता राष्ट्रपति बाइडेन के साथ खाना खाएंगे. मंगलवार को उनकी अमेरिका के जलवायु और अर्थव्यवस्था जैसे विभाग देखने वाले वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक होगी. साथ ही वे अमेरिकी सांसदों के साथ भी समय बिताएंगे.

अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक सम्मेलन के दौरान अमेरिका कुक आईलैंड्स और नीव के साथ राजनयिक रिश्तों की स्थापना का भी ऐलान करेगा. इस द्वीपीय देश की आबादी 2,000 से भी कम है. साथ ही नये दूतावास खोले जाने का भी ऐलान किया जाएगा. अगले साल की शुरुआत में वनातू में दूतावास खोले जाने की योजना है. हाल ही में सोलोमन आईलैंड्स और टोंगा में नये अमेरिकी दूतावास शुरू किये गये हैं.

इसके अलावा अमेरिका प्रशांत महासागरीय देशों को क्वॉड संगठन में शामिल होने का न्योता भी दे सकता है. यह एक रक्षा सहयोग संगठन है जिसमें फिलहाल अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया भारत और जापान शामिल हैं.

वीके/एए (रॉयटर्स, एएफपी)