कौन दे रहा है ईरान में स्कूली लड़कियों को जहर
२ मार्च २०२३स्कूली छात्राओं को जहर देने के ताजा मामले एक मार्च को ईरान के दो बड़े शहरों से आए. पश्चिमोत्तर में अजरबैजान की सीमा से सटे अर्दाबिल में बुधवार को सात गर्ल्स स्कूलों में 100 से ज्यादा छात्राओं की तबियत खराब हो गई. ईरान की तासनिम न्यूज एजेंसी के मुताबिक अर्दाबिल में 108 छात्राओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया. सभी को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक बुधवार को ही राजधानी तेहरान में भी तीन गर्ल्स स्कूलों को इसी तरह निशाना बनाया गया. ईरान में नवंबर 2022 से अब तक स्कूली छात्राओं में सांस संबंधी दिक्कतों के सैकड़ों मामले सामने आ चुके हैं. एक सरकारी अधिकारी को शक है कि ये हमले इस्लामिक गणतंत्र में लड़कियों के स्कूल बंद करवाने के लिए किए जा रहे हैं.
कैसे हो रहे हैं हमले
फार्स न्यूज एजेंसी ने तेहरानसार इलाके में कुछ अभिभावकों से बात की. एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक एक हाईस्कूल में जहरीला स्प्रे किया गया था. सांस के जरिए विषैले रसायन छात्राओं के फेफड़ों में घुसे और उनकी तबियत खराब होने लगी.
ईरानी संसद की वेबसाइट के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्रालय को धार्मिक शहर कोम के एक गर्ल्स स्कूल में हुए हमले की जांच में कुछ अहम जानकारियां मिली हैं. कोम में 800 छात्राओं की तबियत खराब हुई. हेल्थ मिनिस्ट्री के टेस्ट में नाइट्रोजन के सुराग मिले. नाइट्रोजन का इस्तेमाल आम तौर पर खाद के रूप में किया जाता है.
ईरान में बीते साढ़े तीन महीनों में इन हमलों के चलते 1200 स्कूली छात्राओं को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा है. सभी को सांस लेने में परेशानी हो रही थी.
पहली बार तीन संदिग्ध गिरफ्तार
ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की वेबसाइट में इन हमलों का जिक्र किया गया है. वेबसाइट के मुताबिक आंतरिक मामलों के मंत्री अहमद वहिदी पर इन घटनाओं की जानकारी और जांच के लगातार अपडेट देने की जिम्मेदारी है.
बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में वहिदी ने दावा किया कि सुरक्षा एजेसियों ने तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया है. यह पहली गिरफ्तारियां हैं. पत्रकारों से वहिदी ने कहा, "बहुत सारी रिपोर्टें पूरी तरह गलत हैं." आतंरिक मामलों के मंत्री के मुताबिक हमलों में किसी खास किस्म के रसायन का इस्तेमाल किए जाने की रिपोर्टें भी गलत हैं.
कट्टरपंथियों पर शक
ईरान के अलग अलग इलाकों में आए दिन हो रहे इन हमलों से लोग गुस्से में हैं. आलोचकों का कहना है कि ऐसे हमले लगातार बढ़ रहे हैं और सरकारी अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं.
ईरान के उप स्वास्थ्य मंत्री यूनुस पनाही के मुताबिक कोम में लड़कियों की शिक्षा बंद करने के इरादे से हमला किया गया.
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एक्टिविस्टों ने ईरान में लड़कियों के स्कूलों पर हमला करने वाले कट्टरपंथियों को तुलना अफगानिस्तान के तालिबान और नाइजीरिया व साहेल में सक्रिय बोको हराम से की है. कट्टरपंथी धड़े वाले ये संगठन लड़कियों की शिक्षा का विरोध करते हैं और गर्ल्स स्कूलों को बंद करवाने के लिए हर तरह के हथकंडों का इस्तेमाल करते हैं.
ओएसजे/सीके (एएफपी, एपी)