अमेरिकी हिरासत में एक लाख प्रवासी बच्चे
१९ नवम्बर २०१९यूएन ने हाल ही में पूरी दुनिया में स्वतंत्रता से वंचित बच्चों को लेकर एक अध्ययन किया है. नोवाक इसके प्रमुख लेखक हैं. अध्ययन में यह बात सामने आयी कि वर्तमान में अमेरिका ने एक लाख तीन हजार बच्चों को हिरासत में रखा है. इन बच्चों में काफी संख्या नाबालिगों की हैं जिन्हें परिवार के साथ हिरासत में लिया गया था लेकिन बाद में उन्हें उनके परिजनों से अलग कर दिया गया.
नोवाक की टीम ने जब इस मामले में अमेरिकी सरकार से सवाल किए तो इस पर किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी गई. हालांकि नोवाक कहते हैं कि यह संख्या सबसे हाल के आधिकारिक डाटा पर आधारित है और विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त की गई है. उन्होंने यह भी कहा कि एक लाख तीन हजार का आंकड़ा कंजरवेटिव मूल्यांकन था. नोवाक ने जेनेवा में कहा, "प्रवास को लेकर बच्चों को हिरासत में लेने को उचित नहीं ठहराया जा सकता. यह बच्चों के हित में नहीं है.
नोवाक कहते हैं कि अध्ययन में यह जानकारी भी सामने आयी कि कई देशों में हिरासत में रखे गए बच्चों की वास्तविक संख्या उपलब्ध है. अमेरिकी अधिकारियों ने उन देशों से काफी ज्यादा बच्चों को हिरासत में रखा है. अमेरिका ने एक लाख बच्चों में से 60 को प्रवासन और मुकदमे के पहले की कार्रवाई के दौरान हिरासत में ले लिया. वहीं कनाडा में में यह दर प्रवासन को लेकर 14 और अन्य मुद्दों को लेकर 15 है. पश्चिमी यूरोप में यह दर पांच है.
संयुक्त राष्ट्र ने 1989 में बच्चों को उनके अधिकार दिलाने के लिए चाइल्ड राइट कन्वेंशन को पारित किया था लेकिन अमेरिका दुनिया का एक मात्र देश है जो इसे नहीं मानता है. नोवाक कहते हैं, "बच्चों को उनके माता-पिता से अलग किया गया. यहां तक की अमेरिका-मैक्सिको बॉर्डर पर छोटे बच्चों को भी हिरासत में ले लिया. चाइल्ड राइट कन्वेंशन के तहत ऐसा करने पर पूरी तरह प्रतिबंध है. यह बच्चों और उनके माता-पिता दोनों के लिए अमानवीय है." अमेरिका द्वारा अध्ययन के नतीजे पर किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी गई है.
यूएन के शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि सीरिया और इराक में भी 29 हजार बच्चों को हिरासत में रखा गया है. इसमें से ज्यादातर इस्लामिक स्टेट समूह से जुड़े हुए हैं. इन बच्चों में बड़ी संख्या फ्रांस के नागरिकों की भी है.
आरआर/एमजे (डीपीए, रॉयटर्स)
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