अमेरिका में फिर चली बंदूक, गई 22 की जान
२६ अक्टूबर २०२३लुईस्टन में कई स्थानों पर गोलियां चलाये जाने की खबर है. इन घटनाओं में कम से कम 22 लोगों के मारे जाने और 50 लोगों के घायल होने की खबर है. शहर के अधिकारियों का कहना है कि स्थानीय अस्पताल गोलीबारी के मरीजों से भर गए हैं. संदिग्ध अभी तक पुलिस की पकड़ में नहीं आया है.
शहर के काउंसलर रोबर्ट मैककार्थी ने सीएनएन को बताया कि गोलीबारी एक बॉलिंग ऐली, एक स्थानीय रेस्तरां, एक बार और कम से कम एक और जगह पर हुई. मैककार्थी ने यह भी कहा, "मुझे ऐसा समझ में आया है कि उन्होंने गोली चलाने वाले की संभावित रूप से पहचान भी कर ली है."
स्थानीय पुलिस ने फेसबुक पर शूटर की एक तस्वीर डाली, जिसमें वह एक बॉलिंग ऐली में एक सेमी-ऑटोमैटिक बंदूक लिए खड़ा दिखाई दे रहा है. बाद में पुलिस ने यह भी बताया कि उस संदिग्ध व्यक्ति का नाम रोबर्ट कार्ड है, उसकी उम्र 40 साल है और उसे "हथियारबंद और खतरनाक माना जाना चाहिए."
पुलिस ने लोगों से कहा है कि अगर किसी के पास शूटर के बारे में कोई जानकारी हो तो वो पुलिस से संपर्क करे. पुलिस ने एक सफेद एसयूवी की तस्वीर भी जारी की और उसे पहचानने में लोगों से मदद मांगी. सभी दुकानदारों को अपनी अपनी दुकानें बंद कर देने की सलाह दी गई.
कई मीडिया रिपोर्टों में यह भी दावा किया गया है कि पुलिस ने यह सूचना दी है कि कार्ड एक हथियार प्रशिक्षक है और अमेरिकी सेना के रिजर्व सैन्य बल का सदस्य है. उसने हाल ही में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के बारे में बताया था. लेकिन पुलिस द्वारा जारी इस जानकारी की अभी पुष्टि नहीं हो पाई है.
सीएनएन के मुताबिक कम से कम 50 से 60 लोग घायल हैं, लेकिन अभी इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि इनमें से कितन लोग गोली लगने से घायल हुए हैं. इसे इस साल की 36वीं ऐसी घटना बताया जा रहा है, हालांकि इसे 2017 के बाद हुई गोलीबारी की सबसे घातक घटना बताया जा रहा है. 2017 की घटना में लास वेगास में एक संगीत उत्सव में 60 लोग मारे गए थे.
गैर सरकारी संगठन गन वायलेंस आर्काइव के मुताबिक तो इस साल मास शूटिंग की 500 से ज्यादा घटनाएं हो चुकी हैं. यह संस्था हर उस घटना को मास शूटिंग मानती है जिसमें चार या उससे ज्यादा लोग घायल हुए हों या मारे गए हों.
अमेरिका में गोलीबारी की घटनाएं बहुत बड़ी समस्या बन गई हैं. लेकिन जब भी बंदूकों पर नियंत्रण करने के लिए कोशिशों की बात उठती है तो रिपब्लिकन पार्टी के नेता और उनके समर्थक विरोध पर उतर आते हैं.
उन्हें हथियार रखने के संवैधानिक अधिकार का कट्टर रक्षक माना जाता है. इस वजह से बार बार होने वाली घटनाओं पर आक्रोश के बावजूद इस मसले पर राजनीतिक गतिहीनता जारी रहती है.
सीके/एए (एएफपी, रॉयटर्स)