पर्यावरण कार्यकर्ताओं की हत्याएं
पर्यावरण के लिए काम करने वाली संस्था 'ग्लोबल विटनेस' की 2024 की रिपोर्ट बताती है कि पर्यावरण कार्यकर्ताओं की हत्याएं तेजी से बढ़ रही हैं. पिछले साल 196 कार्यकर्ताओं की हत्या हुई. भारत भी टॉप 10 में शामिल है.
196 पर्यावरण कार्यकर्ताओं की हत्याएं
पिछले साल दुनियाभर में 196 पर्यावरण रक्षकों की हत्या हुई. साल 2012 से अब तक कुल 2,106 पर्यावरण कार्यकर्ता मारे जा चुके हैं. भारत भी टॉप 10 देशों में शामिल है.
सबसे ऊपर दक्षिण अमेरिका
2023 में पर्यावरण कार्यकर्ताओं की कुल हत्याओं में से 85 फीसदी दक्षिण अमेरिका में हुईं. इनमें ब्राजील, कोलंबिया, होंडुरास और मेक्सिको 70 फीसदी से अधिक मौतों के लिए जिम्मेदार थे.
कोलंबिया सबसे खतरनाक
इस मामले में कोलंबिया को 2023 का सबसे खतरनाक देश माना गया है, जहां पिछले साल 79 पर्यावरण रक्षकों की हत्या हुई. यह दुनियाभर में कुल हत्याओं का 40 प्रतिशत हिस्सा है. 2012 से अब तक इस देश में 461 पर्यावरण कार्यकर्ताओं की हत्या हो चुकी है.
आदिवासी सबसे ज्यादा खतरे में
2023 में मारे गए लोगों में 43 फीसदी आदिवासी थे और 12 प्रतिशत महिलाएं थीं. ये समूह अत्यधिक हिंसा का सामना कर रहे हैं.
महिलाओं को खतरा
रिपोर्ट कहती है कि महिला पर्यावरण कार्यकर्ताओं को लिंग के आधार पर अधिक खतरे का सामना करना पड़ता है. 2023 में हमलों का एक-तिहाई महिलाओं या उनके रिश्तेदारों के खिलाफ था.
खनन उद्योग सबसे ऊपर
2023 में 25 ऐसे पर्यावरण कार्यकर्ताओं की हत्या हुई, जो खनन के क्षेत्र में काम कर रहे थे. इनमें से अधिकतर हत्याएं दक्षिण अमेरिका में हुईं. मेक्सिको और होंडुरास में पिछले साल 18-18 पर्यावरण रक्षकों की हत्या हुई. मेक्सिको में खनन उद्योग से जुड़े हमलों की अधिकता देखी गई.
भारत भी टॉप 10 में
सबसे ज्यादा हत्याओं वाले 10 देशों में कोलंबिया, ब्राजील, होंडुरास, मेक्सिको, फिलीपींस और निकारागुआ के बाद भारत सातवें नंबर पर है. पिछले साल भारत में पांच पर्यावरण रक्षकों की हत्या की गई, जिससे 2012 से अब तक का कुल आंकड़ा 86 तक पहुंच गया है.