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जमानत के बाद फिर गिरफ्तार जिग्नेश मेवाणी

२६ अप्रैल २०२२

गुजरात के निर्दलीय विधायक और दलित कार्यकर्ता जिग्नेश मेवाणी को असम में जमानत मिलने के बाद एक नए केस में गिरफ्तार कर लिया गया है. असम की बारपेटा पुलिस ने अब नए केस में गिरफ्तार किया है.

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तस्वीर: Getty Images/AFP/S. Panthaky

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक "आपत्तिजनक" ट्वीट के आरोप में असम पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के छह दिन बाद सोमवार को राज्य की पुलिस ने निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी को कोकराझार जिले की एक अदालत द्वारा जमानत दिए जाने के तुरंत बाद फिर से गिरफ्तार कर लिया. असम पुलिस ने दूसरे थाने में दर्ज मामले में उन्हें गिरफ्तार किया है. इस मामले में एक महिला पुलिसकर्मी ने मेवाणी पर "हमला और शील भंग" करने का आरोप लगाया है.

गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बारपेटा के पुलिस अधीक्षक अमिताभ सिन्हा ने कहा कि 21 अप्रैल की सुबह कोकराझार की एक महिला पुलिसकर्मी द्वारा बारपेटा रोड पुलिस स्टेशन में दर्ज एक शिकायत के आधार पर एक मामला (81/2022) दर्ज किया गया था. मेवाणी को गुजरात के बनासकांठा जिले से गिरफ्तार किया गया था. सिन्हा ने बताया, "वह इस समय बारपेटा रोड पुलिस स्टेशन में हिरासत में हैं और उन्हें 24 घंटे के भीतर अदालत में पेश किया जाएगा."

मेवाणी बनासकांठा की वडगाम सीट से निर्दलीय विधायक हैं और उन्होंने हाल में कांग्रेस को अपना समर्थन दिया था. मेवाणी के खिलाफ कोकराझार में कथित ट्वीट के आरोप में एफआईआर दर्ज होने के बाद उन्हें 20 अप्रैल को गुजरात के पालनपुर स्थित सर्किट हाउस से असम पुलिस ने गिरफ्तार किया गया था.

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दरअसल मेवाणी की गिरफ्तारी बोडोलैंड इलाके के बीजेपी कार्यकर्ता अरूप कुमार डे द्वारा शिकायत पर हुई थी. डे ने 19 अप्रैल को कोकराझार पुलिस स्टेशन में मेवाणी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी. असम पुलिस ने पूरी तत्परता के साथ अपनी टीम गुजरात भेजी और 20 अप्रैल की रात को मेवाणी को गिरफ्तार कर लिया गया.

अपनी दोबारा गिरफ्तारी से पहले मेवाणी ने कहा था कि यह बीजेपी और आरएसएस की गहरी साजिश है. उन्होंने अदालत परिसर के बाहर मीडिया से कहा, "वे (बीजेपी और आरएसएस) मेरी छवि खराब करने के लिए ऐसा कर रहे हैं और व्यवस्थित रूप से ऐसा कर रहे हैं. उन्होंने रोहित वेमुला के साथ ऐसा किया, उन्होंने चंद्रशेखर आजाद के साथ किया, अब वे मुझे निशाना बना रहे हैं."

वहीं मेवाणी के वकील अंग्शुमान बोरा ने नए मामले को "पूरी तरह से झूठा और मनगढ़ंत" बताया है. उन्होंने कहा, "कल अदालत में बहस के दौरान इसका कोई उल्लेख नहीं था कि उन्होंने एक महिला पुलिस अधिकारी के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया है. यह अचानक कहां से आ गया?"

मेवाणी के वकील ने कहा मेवाणी को मंगलवार को बारपेटा के सीजेएम की अदालत में पेश किया जाएगा और उनकी जमानत की अर्जी दाखिल की जाएगी.

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