गजा पट्टी में कैसे जलते हैं चूल्हे
गजा पट्टी में बिजली और गैस की किल्लत के कारण लोग रोटी नहीं सेंक पा रहे हैं. इसलिए वे लकड़ी से जलने वाले चूल्हों पर निर्भर हैं.
कहां सेंकें रोटी!
गजा पट्टी के राफा में बिजली कटौती आम बात है और सब लोग गैस चूल्हा खरीद नहीं सकते. इससे दिक्कत यह होती है कि रोटी कहां सेंकी जाए.
जल रहा है चूल्हा
ऐसे लोगों के लिए राहत है कि सामी ओदेह का चूल्हा जल रहा है. वे लोग अपना आटा और अन्य खाना पकने के लिए उन्हीं के पास भेजते हैं.
बिजली मुश्किल है
सामी ओदेह के ग्राहक कहते हैं कि कोयला और लकड़ियां मिलना, बिजली का इंतजार करने या गैस चूल्हा खरीदने से ज्यादा आसान है.
चाहिए 500 मेगावाट
मिस्र और इस्राएल के बीच एक पतली सी पट्टी पर रहने वाले 23 लाख लोगों के लिए यही जीने का तरीका है. इतने लोगों को गर्मी में रोजाना लगभग 500 मेगावाट बिजली चाहिए.
सप्लाई 180 मेगावाट
लेकिन इस्राएल से उन्हें 120 मेगावाट बिजली ही मिलती है. 60 मेगावाट एक स्थानीय संयंत्र से सप्लाई होती है.
उद्योगों पर भी असर
इसका असर उद्योग-धंधों पर भी पड़ता है. बिजली कटौती के दौरान वे सोलर पैनलों पर निर्भर रहते हैं और रोटी सेंकने के लिए सामी ओदेह जैसे लोगों के चूल्हे पर.