न्यूयॉर्क की इंडिया परेड में राम मंदिर की झांकी पर विवाद
१६ अगस्त २०२४अमेरिका के न्यूयॉर्क में रविवार, 18 अगस्त को होने वाली इंडिया डे परेड में शामिल होने वाली एक झांकी का बहुत से संगठनों ने विरोध किया है. इस झांकी में एक हिंदू मंदिर का जश्न मनाया गया है जो भारत में एक ध्वस्त मस्जिद के ऊपर बनाया गया है. कई संगठनों ने इसे मुस्लिम विरोधी बताते हुए इसकी आलोचना की है और इसे हटाने की मांग की है.
इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल और अन्य धार्मिक समूहों ने परेड आयोजकों से इस झांकी को हटाने की मांग की है. वे कहते हैं कि राम मंदिर उस मंदिर का प्रतीक है, जो "मस्जिदों को ध्वस्त करने और दक्षिण एशियाई देश में मुसलमानों के खिलाफ हिंसा को महिमामंडित” करता है.
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इन संगठनों ने न्यूयॉर्क की गवर्नर कैथी होचुल और न्यूयॉर्क सिटी के मेयर एरिक एडम्स को लिखे एक पत्र में कहा, "इस झांकी की मौजूदगी इन समूहों की हिंदू राष्ट्रवादी विचारधारा को भारतीय पहचान के साथ मिलाने की इच्छा का प्रतीक है. यह सिर्फ एक सांस्कृतिक प्रदर्शन नहीं है, बल्कि मुस्लिम विरोधी घृणा, कट्टरता और धार्मिक वर्चस्व का अश्लील उत्सव है."
आयोजकों का इनकार
परेड आयोजकों ने झांकी को हटाने की मांग को खारिज कर दिया है. उनका कहना है कि यह झांकी करोड़ों हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण एक पवित्र स्थल के उद्घाटन का जश्न मनाती है.
फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशंस के चेयरमैन अंकुर वैद्य ने एक बयान में कहा, "हम अपने विश्वास के एक महत्वपूर्ण पहलू का जश्न मनाते हुए किसी भी प्रकार की हिंसा और नफरत को सख्ती से खारिज करते हैं. इसमें किसी भी धार्मिक स्थल को नुकसान पहुंचाना शामिल है. हम शांतिपूर्ण सहअस्तित्व के लिए खड़े हैं और सभी को इस मूल्य को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं."
एसोसिएशन ने परेड को "भारत की सांस्कृतिक विविधता की समृद्ध झलक" के रूप में प्रस्तुत किया है, जिसमें हिंदू ही नहीं, बल्कि मुस्लिम, सिख और ईसाई धर्मों की झांकियां भी वर्षों से शामिल होती रही हैं. वैद्य ने यह भी बताया कि इस साल की परेड का विषय "वसुधैव कुटुम्बकम" है, जिसका अर्थ है "सारा विश्व एक परिवार है."
यह आयोजन अपने 42वें वर्ष में है और भारत के बाहर इस तरह के सबसे बड़े आयोजनों में से एक है. इसमें हजारों लोग बॉलीवुड सितारों और भारतीय खेल सितारों को देखने के लिए मैनहैटन के मैडिसन एवेन्यू पर जुटते हैं. यह वार्षिक परेड 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश शासन के अंत और स्वतंत्र भारत की स्थापना का प्रतीक है.
इस साल भारत में 15 अगस्त को अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में समान नागरिक संहिता को जरूरी बताया था.
राम मंदिर का निर्माण 2020 में भारत के पवित्र शहर अयोध्या में एक लंबी कानूनी लड़ाई के बाद शुरू हुआ. यह मंदिर 16वीं सदी की बाबरी मस्जिद के अवशेषों पर बनाया गया था, जिसे 1992 में कारसेवकों की भीड़ ने ध्वस्त कर दिया था. इस भव्य गुलाबी बलुआ पत्थर की संरचना की लागत लगभग 21.7 करोड़ डॉलर बताई जाती है. हिंदुओं का मानना है कि यह जगह भगवान राम का जन्म स्थल है.
कार्यक्रम में नहीं जाएंगे मेयर
गवर्नर होचुल के प्रवक्ताओं ने गुरुवार को टिप्पणी के लिए भेजे गए ईमेल का तुरंत जवाब नहीं दिया. हालांकि, जब मंगलवार को सिटी हॉल में इस विवाद के बारे में पूछा गया, तो मेयर एरिक एडम्स ने कहा कि "न्यूयॉर्क में नफरत के लिए कोई जगह नहीं है." न्यूयॉर्क सिटी में देश की सबसे बड़ी भारतीय अमेरिकी आबादी है, जिसमें 2,47,000 से अधिक निवासी हैं.
डेमोक्रेटिक पार्टी से संबंधित एडम्स ने कहा, "मैं सही प्रतीकात्मक संकेत देना चाहता हूं कि शहर सभी के लिए खुला है और नफरत के लिए कोई जगह नहीं है. अगर परेड में कोई झांकी या व्यक्ति नफरत फैला रहा है, तो उसे परेड में नहीं होना चाहिए."
गुरुवार देर रात उनके दफ्तर ने यह भी कहा कि मेयर एडम्स की रविवार की परेड में शामिल होने की कोई योजना नहीं है, जबकि वह पिछले वर्षों में इस परेड में शामिल होते रहे हैं.
कार्यालय ने यह भी कहा कि अमेरिकी संविधान का पहला संशोधन शहर को परमिट देने से इनकार करने या किसी झांकी या परेड के संदेश को बदलने की मांग करने से रोकता है, सिर्फ इसलिए कि वह सामग्री से असहमत है.
बयान में कहा गया, "अपने कार्यकाल के पहले दिन से मेयर स्पष्ट रहे हैं कि हमारे शहर में होने वाले उत्सवों को स्वागत योग्य और समावेशी होना चाहिए, मेयर ने हमेशा समुदायों को प्राथमिकता दी है और इस बात पर जोर दिया है कि जब हम एकजुट होते हैं, तो हम सम्मान और अनुग्रह का अभ्यास करते हैं व राजनीति को एक तरफ रखते हुए न्यूयॉर्क सिटी की विविधताओं के संगम की समृद्ध संस्कृति को अपनाते हैं."
वीके/सीके (एपी)