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8 अरब साल यात्रा करने वाली रेडियो तरंग

२० अक्टूबर २०२३

अंतरिक्षविज्ञानी एक ऐसी रेडियो तरंग का पता लगाने में सफल हुए हैं जो आठ अरब साल की यात्रा करने के बाद दूरबीन की पकड़ में आई है. यह अब तक की सबसे लंबी दूरी तय करने वाली रिडियो तरंग है जिसे वैज्ञानिक जान सके.

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वैज्ञानिकों ने पहली बार इतनी लंबी यात्रा करने वाली तरंग को देखा है
8 अरब साल यात्रा करने वाली रेडियो तरंगतस्वीर: ESO/M. Kornmesser

करीब 8 अरब साल दूर सुदूर आकाशगंगा में कोई खगोलीय घटना हुई. उसने धमाके के साथ बहुत ताकतवर रेडियो तरंगें ब्रह्मांड में छोड़ी. ये तरंगे पिछले साल 10 जून को आखिरकार धरती पर मौजूद वैज्ञानिकों के टेलिस्कोप की पकड़ में आ पहुंची. हालांकि यह सेकेंड के हजारवें हिस्से के लिए ही नजर आई थीं लेकिन ऑस्ट्रेलिया के रेडियोटेलिस्कोप ने इस सिग्नल को पकड़ लिया.

फास्ट रेडियो बर्स्ट

ब्रह्मांड से निकली यह तरंक फास्ट रेडियो बर्स्ट यानी एफआरबी थी. एफआरबी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. पहली बार 2007 में इसकी खोज हुई थी. गुरुवार को अंतरिक्षविज्ञानियों ने बताया कि यह खास एफआरबी बहुत ताकतवर था और अब तक दर्ज किसी और एफआरबी की तुलना में बहुत दूर से आया था. इसने 8 अरब प्रकाश वर्ष की दूरी तय की थी. जब यह तरंग निकली थी तब हमारा ब्रह्मांड मौजूदा उम्र की तुलना में महज आधी उम्र का ही था.

ब्रह्मांड बिगबैंग से पांच गुना ज्यादा तेजी से फैल रहा है

एफआरबी कैसे बनती है यह अंतरिक्षविज्ञानियों के लिए एक बड़ा रहस्य है. पहले ऐसी अटकलें लगाई गई थीं कि वे किसी परग्रही से निकले रेडियो संचार हो सकते हैं खासतौर से इसलिए क्योंकि कुछ सिग्नल रिपीट हुए. हालांकि वैज्ञानिकों का मानना है कि इनके पीछे सबसे ज्यादा संदेह सुदूर मृत तारे पर है जिन्हें मैग्नेटर कहा जाता है. ये ब्रह्मांड में सबसे अधिक चुंबकीय वस्तु हैं.

मैग्नेटर का यह एनिमेशन नासा ने 2020 में तैयार करवाया था
मैग्नेटर से निकलती ताकतवर एक्स रे किरणेंतस्वीर: Chris Smith/NASA/AP/picture alliance

ऑस्ट्रेलिया की स्विनबर्न यूनिवर्सिटी में एस्ट्रोफिजिसिस्ट रयान शेनॉन ने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा कि पिछले साल पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया की एसकेएपी रेडियो टेलिस्कोप ने रेडियो बर्स्ट को देखा था. यह 'दिमाग झकझोर' देने वाली घटना है. शेनॉन ने कहा, "हम किस्त वाले हैं कि आकाश में उस छोटी जगह पर हमारी नजर थी जहां से वन मिलीसेकेंड के लिए आठ अरब साल की यात्रा करने के बाद वह पल्स गुजरा और हमने पकड़ लिया." साइंस जर्नल ने इस बारे में एक रिपोर्ट छापी है. शेनॉन उस रिपोर्ट के सहलेखक हैं. उन्होंने यह भी बताया कि इस एफआरबी ने पिछला रिकॉर्ड तोड़ दिया है जो पांच अरब प्रकाश वर्ष दूर था. यह पल्स इतना ताकतवर था कि इसने एक मिलीसेकेंड में जितनी ऊर्जा पैदा की वह सूरज 30 साल में पैदा करता है.

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आसमान में लाखों एफआरबी

शेनॉन का कहना है कि आसमान में हर दिन लाखों एफआरबी चमक रहे हो सकते हैं. अब तक करीब एक हजार को देखा गया है. इनमें से सिर्फ 50 ही ऐसे हैं जिन पर वैज्ञानिक काम कर सके जो उन्हें समझने के लिए अहम है. इस रेडियो बर्स्ट को एफआरबी 20220610ए नाम दिया गया है. यह कहां से आया इसका पता लगाने के लिए रिसर्चरों ने चिली के विशाल टेलिस्कोप की मदद ली थी. इससे पता चला है कि यह सिग्नल एक खास भारी आकाशंगा से उत्पन्न हुई हो सकती है जो एक या दो दूसरी आकाशगंगाओं के साथ मिल रही थी. इसी के नतीजे में अनोखा मैग्नेटर पैदा हुआ होगा. एफआरबी के रहस्य पता लगाने के अलावा वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि उन्हें ब्रह्मांड के दूसरे रहस्यों के बारे में भी जानकारी मिलेगी.

चिली के दूरबीन की मदद से ही तरंगों को देखा जा सका
चिली में मौजूद शक्तिशाली दूरबीनतस्वीर: Joe Marino/UPI/newscom/picture alliance

ब्रह्मांड का सिर्फ पांच फीसदी हिस्सा ही सामान्य चीजों से बना है यानी वो चीजें जिनसे बनी सारी चीजें हम देखते हैं. इनके अलावा ब्रह्मांड में जो कुछ है वह डार्क मैटर और डार्क एनर्जी है जिसके बारे में बहुत कम जानकारी है. हालांकि जब अंतरिक्षविज्ञानी सितारों और आकाशगंगा की बात करते हैं तो उसमें वो सामान्य चीजों के पांच फीसदी का लगभग आधा हिस्सा भी गायब है. वैज्ञानिक मानते हैं कि वह गायब पदार्थ पतले तंतुओं के रूप में चारों तरफ फैला हुआ है और आकाशंगाओं को आपस में जोड़ता है. इन्हें कॉस्मिक वेब कहा जाता है. हालांकि ये इतने धुंधले हैं कि वर्तमान में मौजूद दूरबीनें इन्हें देख नहीं पाती हैं. 

एनआर/एसबी (एएफपी)