2022 में 5.6 लाख लोगों ने छोड़ा भारत, अपनाया अमीर देशों को
भारत आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) के सदस्य देशों की तरफ आप्रवासन का सबसे बड़ा स्रोत बन कर उभरा है. जानिए कितने भारतीय लोगों ने अपना देश छोड़ कर किन किन देशों को अपनाया.
लाखों लोग छोड़ रहे भारत
आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) ने अपनी ताजा अंतरराष्ट्रीय आप्रवासन आउटलुक रिपोर्ट जारी की है जिसमें अमीर देशों की तरफ आप्रवासन के वैश्विक ट्रेंड के बारे में विस्तार से बताया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में भारत इस आप्रवासन का सबसे बड़ा मूल स्रोत बना.
एक साल में 30 प्रतिशत की उछाल
2022 में 5.6 लाख भारतीय नागरिकों ने अमीर देशों की तरफ आप्रवासन किया. यह 2021 के मुकाबले 30 प्रतिशत ज्यादा संख्या है. यह अमीर देशों की तरफ होने वाले कुल आप्रवासन का करीब आठ प्रतिशत है.
ब्रिटेन का आकर्षण बढ़ा
इनमें से 1,25,000 भारतीय नागरिकों ने अमेरिका, 1,18,000 ने कनाडा और 1,12,000 ने ब्रिटेन को चुना. 2021 के मुकाबले ब्रिटेन चले जाने वालों की संख्या में दोगुना उछाल आया, अमेरिका जाने वालों की संख्या 35 प्रतिशत बढ़ी जबकि कनाडा जाने वालों को संख्या आठ प्रतिशत गिर गई.
नागरिकता लेने में भी आगे
2022 में 1.9 लाख से भी ज्यादा भारतीय नागरिकों ने किसी न किसी ओईसीडी देश की नागरिकता भी ले ली. यह 2021 के मुकाबले 40 प्रतिशत उछाल है. यानी ओईसीडी देशों की नागरिकता लेने में भारतीय सबसे आगे रहे.
दूसरे नंबर पर चीन
भारत के बाद आप्रवासन की दौड़ में दूसरा नंबर चीन का है. 2022 में चीन से 3.26 लाख लोग किसी न ओईसीडी देश चले गए. रूस से आप्रवासन में आश्चर्यजनक उछाल आया. 2.68 लाख रूसी नागरिकों ने अपना देश छोड़ कर अमीर देशों को अपनाया, जिसकी वजह से इस सूची में रूस 18वें स्थान से उठ कर तीसरे नंबर पर आ गया.
रूसियों ने तुर्की, इस्राएल और जर्मनी को चुना
रूसी आप्रवासियों ने सबसे ज्यादा तुर्की, इस्राएल और जर्मनी को चुना. चौथे नंबर पर रोमानिया के नागरिक हैं, जिन्होंने सबसे ज्यादा जर्मनी, स्पेन और इटली को चुना.