इंटरपोल के 100 साल
इंटरनेशनल क्रिमिनल पुलिस ऑर्गनाइजेशन यानी इंटरपोल की स्थापना को 100 वर्ष पूरे हो गये हैं. 7 सिंतबर 1923 को इसकी स्थापना हुई थी.
100 की हुई इंटरपोल
सितंबर 1923 में इंटरनेशनल क्रिमिनल पुलिस कमिशन (ICPC) के नाम से एक अंतरराष्ट्रीय संगठन की स्थापना हुई थी जो अब 100 साल का हो गया है. 1989 में इसे जर्मनी में हुए 60 साला कॉन्फ्रेंस में इंटरनेशनल क्रिमिनल पुलिस ऑर्गनाइजेशन या इंटरपोल नाम दिया गया था.
20 सदस्यों से शुरुआत
इंटरपोल की स्थापना के वक्त इसके 20 सदस्य देश थे. उनमें फ्रांस, चीन और स्पेन जैसे देश शामिल थे. आज इस संस्था के 195 सदस्य देश हैं. नवंबर 2021 में माइक्रोनीजिया इसका सबसे नया सदस्य बना.
पहला रेड नोटिस
1947 में इंटरपोल का पहला रेड नोटिस जारी किया गया था, जो सदस्य देशों को कत्ल, बलात्कार और फ्रॉड जैसे अपराधों में वांछित व्यक्ति को गिरफ्तार करने का आग्रह होता है. पहला रेड नोटिस पुलिस अफसर की हत्या के आरोप में एक रूसी नागरिक के लिए जारी किया गया था. अब हर साल हजारों रेड नोटिस जारी होते हैं.
कई रंग के नोटिस
रेड नोटिस के अलावा इंटरपोल यलो, ब्लू, ब्लैक, ग्रीन और पर्पल जैसे कई रंगों में नोटिस जारी करता है जो लापता लोगों की तलाश से लेकर चेतावनी तक कई तरह के काम करते हैं.
क्या क्या काम
इंटरपोल कई क्षेत्रों में काम करता है, जिनमें प्रमुख हैं हथियार और नशीली दवाओं की तस्करी, नकली दवाओं के कारोबार, नकली नोटों के गिरोहों के खिलाफ समय समय पर इंटरपोल ने कई अभियान चलाये हैं और कई अंतरराष्ट्रीय गिरोहों को खत्म किया है. 2013 में ऑपरेशन लायनफिश के तहत 30 टन कोकीन और हेरोइन पकड़ी गयी थी.
लगातार विस्तार
हाल के सालों में इंटरपोल ने अपने नेटवर्क और क्षमताओं में लगातार विस्तार किया है. उसने बड़े पैमाने पर डेटा जमा किया है जिसे सदस्य देशों के साथ बांटा जाता है. उसके 19 डेटाबेस हैं. 2021 में आई-फैमिलिया डेटाबेस स्थापित किया गया जो लापता लोगों के बारे में है. इसमें डीएनए के जरिये लापता लोगों की तलाश की जाती है.