भारत की टीका यात्रा
भारत ने 21 अक्टूबर को 100 करोड़ कोरोना टीकों की यात्रा पार कर ली. 130 करोड़ से ज्यादा आबादी वाले देश में यह एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. हालांकि इन 100 करोड़ में से अधिकतर वो लोग हैं जिन्हें सिर्फ एक टीका लगा है.
एक अरब टीके
भारत ने 100 करोड़ टीके लगाने का मुकाम 21 अक्टूबर, 2021 को हासिल कर लिया. कोरोना के खिलाफ 279 दिनों में 100 करोड़ टीके का अहम पड़ाव हासिल किया.
"टीम इंडिया की कामयाबी"
100 करोड़ से अधिक टीके लग जाने के अगले दिन यानी 22 अक्टूबर 2021 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सभी प्रमुख हिंदी और अंग्रेजी अखबारों में आलेख लिखा. उन्होंने लिखा 100 करोड़ टीके टीम इंडिया की सफलता है. मोदी ने अपने आलेख में लिखा, "भारत ने टीकाकरण की शुरुआत के मात्र 9 महीने बाद ही 21 अक्टूबर, 2021 को टीके की 100 करोड़ खुराक का लक्ष्य हासिल कर लिया है."
"मेड इन इंडिया की ताकत"
22 अक्टूबर को राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "मेड इन इंडिया की ताकत बहुत बड़ी होती है. हमारे लिए लोकतंत्र का मतलब सबका साथ है." उन्होंने कहा नई सफलता से नया आत्मविश्वास जागा है.
ऐतिहासिक पल
100 करोड़ डोज पूरे होने पर देश की 100 ऐतिहासिक इमारतों को विशेष लाइटिंग के जरिए सजाया गया.
सजा लालकिला
ऐतिहासिक लाल किले को भी तिरंगे वाली रोशनी से सजाया गया. इस मौके पर खादी का सबसे बड़ा तिरंगा फहराया गया.
खास फ्लाइट
स्पाइस जेट ने देश के 100 करोड़ टीके पूरे होने पर एक खास फ्लाइट को उतारा. इस पर मोदी की तस्वीर के साथ कोरोना वॉरियर्स की भी तस्वीरें लगीं हैं.
बीजेपी समर्थकों का जश्न
सत्ताधारी दल बीजेपी के समर्थकों ने गुजरात के अहमदाबाद में कुछ इस तरह से 100 करोड़ डोज पूरे होने का जश्न मनाया.
राज्यों की भूमिका
नौ राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों ने अपनी पूरी 18 प्लस आबादी को टीके की एक खुराक लगा दी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार देश की 31 फीसदी वयस्क आबादी को दोनों खुराक दी जा चुकी हैं.
चुनौती अभी बाकी
देश में लगभग तीन-चौथाई वयस्कों को अब एक टीका लग चुका है और लगभग 31 प्रतिशत को पूरी तरह से टीका लगाया गया है. हालांकि 18 साल से कम उम्र के करोड़ों भारतीयों - जो आबादी का लगभग 40 प्रतिशत हैं उन्हें अभी तक टीका नहीं लगाया गया है.
कोवैक्सीन को मान्यता का इंतजार
विश्व स्वास्थ्य संगठन से भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को अब तक मान्यता नहीं मिली है. कंपनी ने संगठन को जरूरी डेटा सौंपे हैं लेकिन अब तक कौवैक्सीन को मंजूरी का इंतजार है. भारत को उम्मीद है कि जल्द ही डब्ल्यूएचओ इसको मंजूरी दे देगा.