मजदूरों के लिए सबसे बुरे देश
इंटरनेशनल ट्रेड यूनियन कॉन्फेडरेशन ने ताजा रिपोर्ट जारी की है जिसमें बताया गया है कि दुनिया के किन देशों में कामगारों के हालात कैसे हैं. देखिए, कामगारों के अधिकारों के लिहाज से दस सबसे खराब देश.
बांग्लादेश में हालत सबसे खराब
इंटरनेशनल ट्रेड यूनियन कॉन्फेडरेशन (आईटीयूसी) के मुताबिक बांग्लादेश उन देशों की सूची में सबसे ऊपर है, जहां कामगारों के अधिकारों की स्थिति खराब है. इस सूची में 149 देशों को शामिल किया गया है.
मध्य पूर्व और उत्तर अफ्रीका में हालात नाजुक
रिपोर्ट कहती है कि पिछले साल मध्य पूर्व और उत्तर अफ्रीका के देशों में मजदूरों के अधिकारों की स्थिति सबसे खराब रही. इस क्षेत्र को 4.53 अंक मिले हैं. 5 अंक सबसे खराब और 1 अंक सबसे अच्छे देशों को मिलता है.
एशिया पैसिफिक में भी अच्छी नहीं स्थिति
क्षेत्रों के मामले में एशिया पैसिफिक दूसरे नंबर पर है, जिसे 4.18 अंक मिले. उसके बाद अफ्रीका (3.84) और फिर अमेरिका (3.52) का नंबर है.
यूरोप सबसे ऊपर
क्षेत्रीय आधार पर यूरोपीय देशों की स्थिति बाकी सबसे अच्छी मानी गई. यूरोप क्षेत्र को 2.56 अंक दिए गए. हालांकि दस सबसे बुरे देशों में यूरोपीय देश बेलारूस दूसरे नंबर पर है.
टॉप 10 में कौन कौन
दस सबसे खराब देशों की सूची में बांग्लादेश के बाद बेलारूस, इक्वाडोर, मिस्र, एस्ताविनी, ग्वाटेमाला, म्यांमार, ट्यूनिशिया, फिलीपींस और तुर्की का नंबर है.
आठ देशों में हत्याएं
रिपोर्ट कहती है कि 2023 में आठ देशों में मजदूर नेताओं की हत्याएं हुईं. ये हैं ब्राजील, कोलंबिया, इक्वाडोर, अल सल्वाडोर, एस्ताविनी, ग्वाटेमाला, पेरू और सियरा लियोन.
हड़ताल का हक छिना
2014 में 63 फीसदी देशों ने मजदूरों के हड़ताल करने के हक का उल्लंघन किया था. 2023 में यह संख्या बढ़कर 87 फीसदी हो गई.