सीरिया में विरोध प्रदर्शनों का आयोजन
२५ मार्च २०११एक कार्यकर्ता ने फेसबुक में लिखा, "सीरिया का कोना कोना आज हमारी आजादी के लिए उठ खड़ा होगा, हमारे भाइयों के खून के लिए और हमारी महिलाओं के सम्मान के लिए, कई सालों से बढ़ रहे हमारे दर्द, यातना और भ्रष्टाचार के लिए." कई कार्यकर्ता फेसबुक जैसी वेबसाइटों के जरिए लोगों तक अपनी बात पहुंचा रहे हैं. हाल ही में सीरिया की सरकार ने इन वेबसाइटों पर से पाबंदी हटा दी थी.
इससे पहले राष्ट्रपति अस्साद ने वादा किया कि वे देश में इमर्जेंसी को खत्म करने पर विचार करेंगे. 1963 से सीरिया में इमर्जेंसी लागू है. अस्साद ने सार्वजनिक संस्थानों में काम कर रहे लोगों के वेतन को बढ़ाने के लिए खास आदेश दिए हैं और करों को भी कम करने की बात कही है. साथ ही गुरुवार शाम को पत्रकार और कार्यकर्ता माजेन दरवेश को भी रिहा कर दिया गया है.
पिछले हफ्ते विरोध प्रदर्शनों में सैंकड़ों प्रदर्शनकारियों के मारे जाने के बाद सरकार ने लोगों की कुछ मांगों पर सोच विचार किया है. पश्चिमी देशों सहित अतंरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थान एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भी सीरिया में लोगों पर सरकार के बलप्रयोग की आलोचना की है.
सीरिया की जनता इमर्जेंसी खत्म करने के साथ साथ और स्वंतत्रता और कई जगहों पर अस्साद से इस्तीफे की भी मांग कर रही है. अस्साद की बाथ पार्टी 1963 से सीरिया पर शासन कर रही है. देश में राजनीतिक स्वतंत्रता पर कई रोक लगाए गए हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/एमजी
संपादनः एन रंजन