रूस ने किया डोपिंग के आरोपों से साफ इंकार
२८ दिसम्बर २०१६रूस की एंटी डोपिंग एजेंसी रुसाडा ने बुधवार को न्यूयॉर्क टाइम्स के उस लेख को गलत बताया है जिसमें एजेंसी प्रमुख ने रूस के एथलीटों को "संस्थागत षड़यंत्र" का शिकार बनाए जाने की बात कही थी. रुसाडा ने रूस की सरकारी समाचार एजेंसी तास से कहा है कि हाल ही में लिए गए उनके महानिदेशक के इंटरव्यू को अमेरिकी अखबार ने "तोड़ मरोड़ कर और संदर्भ से बाहर" छापा है. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने भी रुसाडा के निदेशक के बयान की सत्यता पर सवाल खड़े किए हैं. इसी के साथ रूस सरकार ने डोपिंग के ऐसे आरोपों को "सिरे से खारिज" कर दिया.
अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार रूस की राष्ट्रीय एंटी डोपिंग एजेंसी की कार्यकारी महानिदेशक आना आंत्सेलियोविच ने उनसे बातचीत में बताया था कि "वह एक संस्थागत षड़यंत्र था." अखबार ने मंगलवार को प्रकाशित अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि लैब डायरेक्टर उन एथलीट्स के यूरीन सैम्पल के साथ छेड़छाड़ करता था, जिन्हें क्षमता बढ़ाने वाली दवाएं दी जा रही थीं.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि रूस की केन्द्रीय सुरक्षा सेवा के सदस्यों ने बोतलों में रखे उन खिलाड़ियों के मूत्र के नमूनों को तोड़ दिया था और एक उप-खेल मंत्री ने भी खिलाड़ियों द्वारा प्रतिबंधित तत्वों का इस्तेमाल करने की बात छुपाने के आदेश दे रखे थे.
हालांकि रूस की सरकार इस बात से इनकार कर रही है कि डोपिंग का यह अभियान राज्य समर्थित भी था. इससे साफ होता है कि रूसी अधिकारी इस बात पर कायम हैं कि यह सारे गलत काम राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की जानकारी या अनुमति से नहीं हुए थे.
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने एक हफ्ते पहले ही 28 रूसी एथलीट्स के खिलाफ अनुशासनिक कार्यवाही शुरु की है, जिन्होंने 2014 के सोची में हुए शीतकालीन ओलंपिक में हिस्सा लिया था. समिति को इन एथलीट्स के खिलाफ "मूत्र के एक से अधिक नमूनों के साथ छेड़छाड़ किए जाने के सबूत" मिले हैं.
दिसंबर की शुरुआत में एक स्वतंत्र जांचकर्ता रिचर्ड मैक्लैरेन ने इस बात की पुष्टि की थी कि रूस ने अंतरराष्ट्रीय खेल में "अभूतपूर्व पैमाने" पर ठगी की. मैक्लैरेन ने रूस पर 1,000 से भी अधिक एथलीट्स को "राज्य-प्रायोजित" डोपिंग कार्यक्रम में शामिल करने की बात कही थी. मैकलैरेन ने कहा, "कई सालों तक, हमारे जाने बिना अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं को रूस हाईजैक करता आया है."
आईओसी ने कहा है कि लंदन 2012 और सोची 2014 में हिस्सा लेने वाले सभी रूसी एथलीट्स के यूरीन सैम्पल की फिर से जांच कराई जाएगी. इस साल ब्राजील के रियो दे जनेरो के ओलंपिक खेलों में डोपिंग के आरोपों के कारण ही रूसी टीम को हिस्सा नहीं लेने दिया गया.
आरपी/एमजे (डीपीए)